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ट्रस्टी :
अध्यक्ष : श्री छगनलालजी बैद
समाज की सेवा का कार्य विकासोन्मुख है।" यह प्रतिवेदन मंत्री : श्री हरखचंदजी कांकरिया
स्वयं सभा की समाजोपयोगी एवं लोककल्याणकारी विकासोन्मुख
प्रवृत्तियों का प्रामाणिक दस्तावेज है। कोषाध्यक्ष : श्री मोतीलालजी मालू
होनहार एवं मेघावी छात्र को सभा की ओर से छात्रवृत्ति भी हिसाब परीक्षक : श्री बी०आर० भंसाली
प्रदान करना आरम्भ किया ताकि प्रतिभा सम्पन्न छात्रों की
प्रतिभा साधनों के अभाव में अकाल कुंठित न हो एवं देश को श्री छगनलालजी बैद
श्री अजीतमलजी पारख उसका लाभ मिल सके, श्री विश्रामकुमार पिछोलिया (धर्मपाल श्री पारसमलजी कांकरिया श्री जयचन्दलालजी
जैन) को रु. ५०/- मासिक की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। रामपुरिया
जीवदया कोष एवं स्वधर्मी सहायता कोष की स्थापना : इस बैठक में सभा के अदम्य सहयोगी स्व. श्री
जीवदया कोष, स्वधर्मी सहायता कोष आदि की स्थापना किशनलालजी कांकरिया एवं स्व० श्री सोहनलाल बांठिया की
कर सभा ने स्वधर्मी भाइयों की सेवा के साथ प्राणिमात्र की सेवा असाधारण सेवाओं का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित
का व्रत ग्रहण किया। ज्ञान प्रचार के लिए शास्त्रोद्धार समिति की एवं स्वर्गस्थ आत्मा की चिरशांति की प्रार्थना की।
राजकोट एवं गुलाबपुरा स्वाध्याय संघ को सभा ने आर्थिक दिनांक १०.१.१९६५ को आयोजित सभा की साधारण अनुदान प्रदान कर अपनी उदारता का परिचय तो दिया ही साथ बैठक में निम्नप्रकारेण चुनाव हुआ
ही समग्र देश को अपनी सेवा, सहयोग के क्षेत्र में सम्मिलित कर अध्यक्ष : श्री फूसराज बच्छावत
चहुंमुखी विकास की ओर कदम बढ़ाया। उपाध्यक्ष : श्री पारसमल कांकरिया
दिनांक २५.१.६६ को आमंत्रित सभा की साधारण ___ मंत्री : श्री कुन्दनमल बैद
बैठक में आगामी कार्यकाल के लिए पदाधिकारियों का चुनाव सहमंत्री : श्री रिखबदास भंसाली
निम्न प्रकारेण हुआकोषाध्यक्ष : श्री मोतीलाल मालू
अध्यक्ष एवं ट्रस्टी : श्री पारसमल कांकरिया सभा की विद्यालय तथा अन्य प्रवत्तियाँ अपने
उपाध्यक्ष एवं ट्रस्टी : श्री कन्हैयालाल मालू लोककल्याणकारी कदमों से सभा की कीर्ति कौमुदी को
ट्रस्टी : श्री छगनलाल बैद चतुर्दिक व्याप्त करने में सतत संलग्न थी। पदाधिकारियों के
: श्री जयचन्दलाल रामपुरिया सुयोग्य नेतृत्व एवं कार्यकर्ताओं की निष्काम सेवा के कारण
संयुक्त मंत्री : श्री झंवरलाल बैद सभा अन्य समाजों में अत्यन्त लोकप्रियता प्राप्त कर रही थी।
कोषाध्यक्ष : श्री हेमराज खजांची श्री जैन चिकित्सालय एवं श्री जैन भोजनालय की स्थापना : इसके अतिरक्त १४ महानुभावों को सदस्य के रूप में
रोगी एवं पीड़ित जनों की सेवा के लिए सभा ने मई सन् निर्वाचित किया गया। १९६८ में श्री जैन चिकित्सालय की स्थापना की तथा कम सभा की प्रवृत्तियों के अत्यधिक विस्तार के कारण यह आय वाले जैन भाइयों को नितान्त कम शुल्क में शुद्ध एवं निश्चय किया गया कि विभिन्न प्रवृत्तियों के सुचारू संचालन एवं सात्विक आहार सुलभ कराने के लिए १ फरवरी १९७० को विकास हेतु उपसमितियाँ गठित की जाय। दिनांक ३१ जनवरी श्री फूसराजजी कांकरिया के कर-कमलों से श्री जैन भोजनालय
७१ को सभा की साधारण बैठक में पदाधिकारियों के निर्वाचन का उद्घाटन कराया। मात्र ४५/- मासिक शुल्क निर्धारित के साथ उपसमितियाँ भी गठित की गई जो निम्नानुसार हैंकिया गया।
अध्यक्ष : श्री कन्हैयालाल मालू सभा के उत्साही एवं युवामंत्री श्री रिखबदास भंसाली ने
उपाध्यक्ष : श्री भीखमचन्द भंसाली सन् १९७० के अपने मंत्री प्रतिवेदन में सभा की प्रवृतियों का
___ मंत्री : श्री रिखबदास भंसाली लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए कहा- "आज यह संस्था आपके
सहमंत्री : श्री झंवरलाल बैद सामने शिक्षाप्रसार के लिए विद्यालय, रोगनिदान के लिए
कोषाध्यक्ष : श्री भंवरलाल बैद चिकित्सालय एवं स्वधर्मी बन्धुओं के सहयोगार्थ भोजनालय चला रही है। हमें गर्व है कि अपनी इस संस्था द्वारा देश एवं
० अष्टदशी / 150
ट्रस्टी
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