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________________ दिनांक १७-५-३६ को श्री बदनमलजी बांठिया के सभापतित्व में शोक सभा का आयोजन कर शोक प्रस्ताव पास किया एवं हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित कर स्वर्गस्थ आत्मा की चिरशांति की प्रार्थना की। महासती जी के आकस्मिक स्वर्गवास की दुखद घटना को समाज अभी विस्मृत नहीं कर पाया था कि विद्यालय के अध्यक्ष एवं सभा के कर्मठ कार्यकर्ता श्री भैरोदानजी गोलछा का १६.८.३६ को स्वर्गवास हो गया। समाज को इससे घोर कष्ट हुआ। दिनांक १७.८.३६ को श्री रावतमलजी बोथरा की अध्यक्षता में एक शोक सभा का आयोजन कर सभा को इस दारुण दुख को धैर्यपूर्वक सहन करने एवं स्वर्गस्थ आत्मा को चिरशांति प्रदान करने की शासन देव से प्रार्थना की एवं एक शोक प्रस्ताव पारित किया। दिनांक २३.८.३६ को सांवत्सारिक क्षमायाचना दिवस एवं जनरल सभा का आयोजन श्री बदनमलजी बांठिया की अध्यक्षता में किया गया जिसमें श्री रामलालजी बांठिया ने क्षमायाचना, श्री उमाशंकरजी शुक्ल ने सत्य, श्री हीरालालजी बच्छावत, श्री नगराजजी बरडिया ने जैन धर्म के मूल सिद्धान्तों तथा श्री माणिकलालजी मिन्नी ने मातृपितृ-सेवा पर सारगर्भित एवं प्रेरक व्याख्यान दिये। तत्पश्चात् आगामी वर्ष के लिए पदाधिकारियों का निर्वाचन किया गया जो निम्नानुसार है सभा के पदाधिकारी सभापति : श्री किशनलालजी कांकरिया उपसभापति : श्री सौभाग्यमलजी डागा मंत्री : श्री देवचन्दजी सेठिया उपमंत्री : श्री फूसराजजी बच्छावत सहायक मंत्री : श्री मोनलालजी पुगलिया कोषाध्यक्ष : श्री अगरचन्दजी रामलालजी हिसाब परीक्षक : श्री ईश्वरदासजी छल्लाणी पुस्तकालयाध्यक्ष : श्री रामलालजी बांठिया श्री सूरजमलजी बच्छावत ट्रस्टी श्री बदनमलजी बांठिया श्री अजीतमलजी पारख श्री रावतमलजी बोथरा श्री सोहनलालजी बांठिया ___ इसके अतिरिक्त कार्यकारिणी के १८ सदस्यों का भी निर्वाचन किया गया। श्री भैरादानजी गोलदा के स्वर्गवास के कारण विद्यालय के अध्यक्ष पद का कार्यभार श्री किशनलालजी काकारया न संभाला एवं मंत्री श्री मुन्नालालजी रांका के बनारस चले जाने के कारण श्री फूसराजजी बच्छावत ने मंत्री का पद ग्रहण किया एवं उपमंत्री श्री मोहनलालजी पुगलिया निर्वाचित किये गये। निर्वाचित पदाधिकारियों ने अत्यन्त उत्साह, लगन एवं परिश्रम पूर्वक कार्यारम्भ किया। विद्यालय में छात्रों की निरन्तर वृद्धि के कारण और शिक्षकों की नियुक्ति की गई। व्ययभार के अधिक बढ़ जाने के कारण सभा के कार्यकर्ताओं ने इसकी पूर्ति के लिए समाज का आह्वान किया। समाज के सदस्यों ने अत्यन्त उत्साहपूर्वक आर्थिक योगदान देकर विद्यालय के रथ को विकास की ओर अग्रसर किया। दिनांक १०.९.१९३७ को सभा के सदस्यों की एक बैठक श्री उदयचन्दजी डागा की अध्यक्षता आयोजित कर आगामी वर्ष हेतु निम्नांकित पदाधिकारियों का चुनाव किया गयासभा के पदाधिकारी : सन् १९३७-३८ अध्यक्ष : श्री किशनलालजी कांकरिया उपाध्यक्ष : श्री चम्पालालजी बांठिया मंत्री : श्री फूसराजजी बच्छावत उपमंत्री : श्री प्रतापसिंहजी ढठ्ठा सहायक मंत्री : श्री देवचन्दजी बोथरा कोषाध्यक्ष : श्री पारसमलजी कांकरिया हिसाब परीक्षक : श्री रावतमलजी बोथरा पुस्तकालयाध्यक्ष : श्री मालचन्दजी बरडिया सहपुस्तकालयाध्यक्ष : श्री मगनमलजी बांठिया ट्रस्टी श्री बदनमलजी बांठिया श्री सोहनलालजी बांठिया श्री अजीतमलजी पारख श्री रावतमलजी बोथरा कार्यकारिणी के अठारह सदस्यों का चुनाव भी इसी बैठक में सम्पन्न हुआ। सभापति महोदय ने सभा के विकास की ओर बढ़ते चरणों से सबको परिचित कराया एवं स्थान की कमी की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए नये भवन के निर्माण पर विशेष बल दिया। उपस्थित कार्यकर्ताओं ने अध्यक्ष महोदय के निवेदन का समर्थन किया एवं पर्याप्त नवीन स्थान प्राप्त करने का संकल्प लिया। सभा के कार्यकर्ता अपने कार्य में संलग्न थे कि दुर्भाग्य से सभा के ट्रस्टी एवं प्रमुख कार्यकर्ता श्री रावतमलजी बोथरा का ट्रेन दुर्घटना में आकस्मिक देहावसान हो गया। सर्वत्र शोक की घटाएँ घिर आई। इस रिक्त स्थान की पूर्ति श्री तोलारामजी बोथरा को ट्रस्टी निर्वाचित कर दी गई। ० अष्टदशी / 120 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012049
Book TitleAshtdashi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sabha Kolkatta
Publication Year2008
Total Pages342
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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