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(१) चैत्र सुदी १३ के दिन कई जीवों को अभयदान दिलाया गया। यह विशेष हर्ष को बात रही कि इसी वर्ष हमारे जीवन में कभी न आने वाला विशेष त्योहार चरम तीर्थंकर भगवान महावीर का २५०० सौवां निर्वाण वर्ष मनाया जा रहा था।
(२) बैण्ड मण्डल की स्थापना - इस मण्डल ने शहर के कई समारोहों में अपनी योग्यता का परिचय दिया। इसमें से सामूहिक निर्वाण दिवस, वरघोड़ा एवं धर्मचक्र प्रभावना के विशाल जुलूस में विशेष ख्याति प्राप्त की। स्थानीय कार्यक्रमों के अलावा के. जी. एफ. होसुर, गौरी बिदर, कुनिगल चित्रदुर्जा, मैंगलौर आदि शहरों में जाकर भी अपनी सेवाएं अर्पित की हैं।
(३) बैंगलोर शहर में पौष शुक्ला सप्तमी को प्रथम बार जयन्ति का आयोजन किया गया। आगामी दो वर्षों के कार्यकाल में परिषद् की ओर से गुरु जयन्ति आरोजन के साथ ही चैत्र पूर्णिमा के दिन चैत्य परिपाटी के अन्तर्गत बैंगलोर के समस्त जैन मंदिरों के दर्शन का कार्यक्रम भी सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ ।
वर्तमान वर्ष में एक संगीत मण्डल की स्थापना की गई। इस मण्डल ने अल्प समय में स्थानीय चिकपेट के श्री आदिनाथ जैन मंदिर व केरोनमेंट (बैंगलोर) के मुनीसुव्रत जैन मंदिर में जिन भक्ति के दो सफल कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
इसी वर्ष श्री राजेन्द्र भक्ति धारा नामक स्तवन संग्रह की पुस्तक का प्रकाशन करवाया गया है। जिसमें करीब ८०-९० स्तवन आदि हैं । इस पुस्तक के प्रकाशन में कई महानुभावों ने विज्ञापन देकर कार्य को सुलभ बनाया है। इस कार्य की सफलता के लिये पदाधिकारियों व सदस्यों का पूर्ण सहयोग मिला हैं। भविष्य में सभी के सहयोग से और अधिक कार्य सफलतापूर्वक सम्पन्न होंगे ऐसी आशा है ।
वर्तमान में अध्यक्ष श्री भंवरलालजी चौपड़ा, मंत्री श्री चंपा लालजी जैन हैं। श्री सी. बी. भगत केन्द्रीय परिषद् में महामंत्री पद को सुशोभित कर रहे हैं और उनकी सेवाएं परिषद् के लिए अमूल्य हैं वे अपने मूल्यवान समय को परिषद् की सेवा में समर्पित कर रहे हैं।
निम्बाहेड़ा
मेवाड़ के सिंहद्वार पर स्थित निम्बाहेड़ा (जिला चित्तौड़गढ़, राजस्थान) अपनी अनमोल गतिविधियों के द्वारा संगठन शक्ति रूपी परिषद् का अभिषेक कर रहा है। केन्द्रीय परिषद् की स्थापना साथ ही निम्नाहेड़ा में शाखा परिषद् संचालित हो रही हैं। शाखा केन्द्रीय प्रतिनिधि श्री सौभाग्यमलजी सेठिया पांच वर्षों तक परिषद् के प्रथम केन्द्रीय अध्यक्ष पद पर रहे हैं। शाखा परिषद् ने केन्द्रीय कार्यसमिति की बैठकें आयोजित की एवं इसी वर्ष में परिषद् का अखिल भारतीय अधिवेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाया । इस अधिवेशन की विशेषता यह रही कि परिषद की प्रगति कई नई दिशाओं में प्रसारित होने लगी ।
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शाखा - परिषद् की ओर से श्री राजेन्द्र जैन पाठशाला का संचा लन किया जाता है। नगर के मध्य चौक का नाम श्री राजेन्द्र चौक किया गया है। पाठशाला के लिये शाखा ने विधिवत् एक संरक्षण समिति का गठन किया है जो निर्देश देती है। परिषद् सहायता निधि की पेटियां लगाई गई हैं। दिनांक ५ दिसम्बर ७६ को परिषद् की ओर से एक बालकवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें पैंतालीस बालकवियों ने भाग लिया। दिनांक १४ नवम्बर ७६ को श्री राजेन्द्र प्रदर्शनी का आयोजन 'धरती के फूल' नाम से किया गया। प्रदर्शनी को लगभग पांच हजार व्यक्तियों ने देखा तथा सराहना की । शाखा परिषद् उत्सवों के आयोजन में पूरे नगर का विश्वास प्राप्त कर चुकी है। राजेन्द्र जयन्ती तथा महावीर जयन्ती के अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन होता है ।
वर्तमान में शाखा के पदाधिकारी इस प्रकार कार्यरत हैं:श्री ज्ञानेन्द्र कुमारजी संघवी (अध्यक्ष), श्री भंवरलाली बड़ारा तथा श्री लेखराजजी पटवारी ( उपाध्यक्ष), श्री कनकमलजी जैन (मंत्री), श्री मावजी पालेचा ( सहमंत्री), श्री श्रीपालजी नायक ( उपसहमंत्री), श्री ओमप्रकाशजी डांगी ( संगठन मंत्री ), श्री सज्जनसिंहजी सोड़ा (शिक्षा मंत्री श्री कुशाही बोला ( कोषाध्यक्ष), श्री मनोहरलालजी सिसौदिया ( सूचना व प्रसार मंत्री), श्री ऋषभकुमारजी पटवारी ( व्यवस्था मंत्री) तथा श्री शान्तिलालजी रांका ( स्वागत मंत्री ) । केन्द्रीय प्रतिनिधि श्री सौभाग्यमलजी सेठिया, श्री भंवरलालजी तेजावत तथा श्री सज्जनसिंहजी लोढ़ा हैं ।
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नीमच
म.प्र. के मंदसौर जिलान्तर्गत नीमच राजनीति, धर्म, समाज और राष्ट्रचेतना से ओतप्रोत है। यहाँ श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद स्थापित है। इस परिषद के पदाधिकारी इस प्रकार हैं:
(१) श्री चांदमलजी नागौरी (२) राजमलजी पोरवाल (३) हस्तीमलजी चौधरी सरदारमलजी पगारिया भैरूलालजी सेठिया
(४) (५),
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(१) श्री (२),
केन्द्रीय प्रतिनिधि
भंवरलालजी छाजेड़ माधवसिंहजी चौधरी
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अध्यक्ष उपाध्यक्ष मंत्री कोषाध्यक्ष
शिक्षामंत्री
यह परम सौभाग्य का विषय तथा नीमच शाखा का गौरव है कि श्री भंवरलालजी छाजेड़ केन्द्रीय परिषद् में क्रमश: प्रचारमंत्री, सहमहामंत्री, महामंत्री संयोजक और वर्तमान में केन्द्रीय परिषद में अध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे हैं।
परिषद वर्तमान में वाचनालय, धार्मिक विद्यालय अन्य धार्मिक गतिविधियां संचालन कर रही है। यहाँ केन्द्रीय कार्यकारिणी की अनेक बैठकें संपन्न हुई हैं।
राजेन्द्र- ज्योति
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