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• यतीन्द्रसूरी स्मारक ग्रन्थ : व्यक्तित्व - कृतित्व
ए के बदले अ, हाथ के बदले हात्त, नीम के बदले लीम, कहता है के बदले कयज या कयच ।
भाषा-सम्बन्धी यह विवरण बहुत ही उपयोगी एवं रोचक है। अपनी इस पुस्तक में आप ने निमाड़ के कुछ नगरों, ग्रामों और जैन तीर्थ-स्थानों का भी वर्णन किया है। कुल मिलाकर केवल इसी एक पुस्तक में मिलने वाले विवरण के आधार पर आप को एक भूगोलवेत्ता कहा जा सकता है। यदि इस विषय पर आप और अधिक लिखते तो आप की ख्याति एक भूगोलवेत्ता आचार्य के रूप में होती ।
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