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________________ पू. महासती श्री उमरावकुंवरजी म. सा. 'अर्चना' के स्वानुभव प्राणपखेरू मेरी जन्मभूमि दादियां गाँव (किशनगढ़) में, उस समय मेरी उम्र ७-८ वर्ष के करीब की रही होगी । जिस बहिन ने मेरा पालन किया, वह मुझे कन्धे पर लेकर चारों दिशाओं के रास्ते झाडू से बुहारा (साफ) किया करती और उसने मेरी दीर्घार्य होने की शभकामना से एक श्रीनाथजी का चबूतरा भी बनाया, जो आज भी विद्यमान है। हाँ, तो जब मैं बीमार हुई, मामूली सा बुखार ही था । न जाने किसने मेरे मुह से कहलवाया कि "अब इसका अन्त समय बहुत ही नजदीक है।" ऐसा सुनकर वहाँ पर खड़ी औरतें मेरे पर बरस पड़ी। मैं वहाँ से मारे भय के अपने घर की ओर बढ़ी। जैसे ही मैंने उनके घर के बाहर पाँव रखा और उनके प्राणपखेरू उड़ गये । इस सम्बन्ध में भी गाँव में बहुत चर्चा हुई ! इस बच्ची को कौन सी शक्ति सहयोग देती है। गाय माता __ सात दिन की उम्र में माता का वियोग हो जाने के कारण बड़े पिताजी ने ४-५ गायें मेरे ही निमित्त रखी थीं। एक सफेद गाय का मेरे प्रति मातृवत् स्नेह था। रात भर जिस खटिया पर मैं सोती, उसे उसी के पास बाँधा जाता था। वह रात में प्रायः अपनी जीभ से सहलाया करती थी। मुझे नींद आने पर ही बैठती थी। मुझे दूध पिलाये बिना अपने बछड़े को भी पास में नहीं फटकने देती थी। जब भी मुझे भूख लगती उस गाय का दूध ही पिलाया जाता था। जब तक वह जीवित रही मुझसे कभी दूर न रही। पिता का एक और रूप एक बार मेरी बडी माताजी ने मुझे कहा-"भोजन का समय हो गया है। अपने पिताजी को बुला लायो।" मेरे पिताजी अखाड़े में ध्यान, व्यायाम, आसन आदि किया करते थे। मैं और मेरी धाई माता की पुत्री कु० दाखबाई, दोनों पिताजी को बुलाने के लिए अखाड़े में पहुँच गईं। बाहर बैठे हुए एक व्यक्ति को मैंने पूछा, 'बाबाजी कहाँ हैं ?' वह अर्धनिद्रावस्था में था। उसने सस्नेह एक बन्द कोठरी की ओर इशारा कर दिया। मैंने कपाट के छोटे से छिद्र से अन्दर झाँका । देखकर मेरा कलेजा दहल गया। ऐसा लगा शरीर का खून ही जम गया है । पिताजी की जगह मैंने नौ फुटे शेर को देखा, जिसकी आँखे हजारों पावर के Jain Education International For Private & Personal Use Only w Wiginelibrary.org
SR No.012035
Book TitleUmravkunvarji Diksha Swarna Jayanti Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuprabhakumari
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1988
Total Pages1288
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
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