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ग्रह भविष्य बताते हैं | ६७
R. A. M. C. ईष्ट साम्पातिक काल॥ अथजन्माङ्गचक्रमिदम् ॥
॥अथेन्दुचक्रमिदम् ॥ पुध/ प्लूटी /
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केतू
६
नप.
X२चन्द्र सूर्य
46X २चन्द >
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नेपन
बुध
हीन
X१०
१२
शत
मंगल
गुमराह
अथदीक्षाचक्रमिदम् AU शुक्रक/
अथेन्दुचक्रमिदम्
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नेपचून
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बुध
सूर्य
चन्द्र
राह
र्य सहज
१२
2AXशनि /
₹०
काल
हर्षल १. दीक्षा दिनांक-२८ नवम्बर १९३७ २. दीक्षा स्थान-नोखा (चांदावतों का) (राज.) ३. दीक्षा समय-८ बजकर ८ मिनिट ४. Latitude-२६०-१९' ५. Longitude-७३°-५९ ६. Diff-३५०-४'
संक्षिप्त फलादेश लग्न में श्रेष्ठ लग्न कर्क लग्न होता है, जो विशेष करके समाज के कार्य के लिए अपना सब कुछ प्रदान करके व्यक्ति स्वयं को दूसरों के लिए समर्पित कर • देता है।
कर्क लग्न के गुण विशेष करके कठिन समय में धैर्य आश्चर्यजनक निखरता है। प्रकृति भी उसे पूर्णरूपेण मानसिक नहीं किन्तु आत्मिक शुभसंयोग पूर्णरूपेण प्रदान करती रहती है।
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