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________________ माह भविष्य बताते हैं 0 राजज्योतिषी पं० जगन्नारायण शर्मा [ग्रह नक्षत्रों की अपनी-अपनी विशेषता है और प्रत्येक व्यक्ति इनसे प्रभावित होता है। जन्म के समय जिस व्यक्ति के ग्रह जैसे होते हैं उसके अनुरूप ही उसका जीवन व्यतीत होता है। किन्तु इन ग्रहों की भाषा को प्रत्येक व्यक्ति पढ़ नहीं सकता, इनका विशेषज्ञ ही इनकी गति और परिणाम को समझ सकता है। राजज्योतिषी पं. श्री जगन्नारायण शर्मा ने पू. महासती श्री उमराव कुंवरजी म. सा. 'अर्चना' की जन्म एवं दीक्षा कुण्डलियों के आधार पर कुछ भविष्य कथन किया था। उसका कुछ अंश हम यहाँ दे रहे हैं। इससे एक बात और भी प्रमाणित होती है कि व्यक्ति जन्म से ही महान होते हैं । -सम्पादक स्वस्ति श्री मन्नृप विक्रमार्क राज्य समयातीत संवत् १९७९ तमे वर्षे तथा च श्री मद् भूपति शालिवाहन कृत साके १८४४ प्रवर्त्तमाने दक्षिणायने गते श्री सूर्ये उत्तर गोलावलम्बिते श्री गगन चक्र चूडामणौ वर्षा ऋतौ सन्माङ्गल्य प्रदे मासोत्तमे मासे भाद्रपद कृष्ण पक्षे ७ तिथौ १९ घट्यः ३ पलानि परं ८ जन्म तिथौ भोमवासरे भरणी नक्षत्रे वृद्धि योगे घट्यः ४१ पलानि ३५ परं ध्र व जन्म योगे तात्कालिके कौलव करणे वृषभ राशि स्थिते चन्द्र राशिनवमांशे मकर द्य मकराख्ये शनि राशि पतौ मेष योनौ दानव गणे वैश्य वर्णे चतुष्पाद वश्ये गरुड वर्गे पूर्व भागयुजायां भूमि हंसके अन्त्य नाड़ी स्थिते श्री फणीश्वर चक्रे कर्क सक्रान्तेर्गतांशाः २९ क. १४ वि० ३ समये श्री सूर्याद्ध बिम्बोदयादिष्ट घट्य: ५५ पलानि २० समये कर्क लग्न वह मानायां शुभवेलायां ओसवाल ज्ञातौ श्री ५ श्रीमान् मांगीलाल जी सा. गहे सौ. अनुपादेवी वाम कुक्षौ कन्या रत्न जन्म तदभिधानं कृत्तिका नक्षत्रस्य २ चरणानुगतं इ अक्षरोपरि इ स्वरोपरि वषभ राश्या च ईश्वर बाई इति नाम प्रतिष्ठितम ।। परं मातापित्रोरुल्लापने यथा रुचि ॥ धाताख्याम् मार्गशीर्ष मासः ५-१०-१५ तिथयः शनिवारः हस्तनक्षत्रं सुकर्मा योगः शकुनि करणम् ४ प्रहरः अष्टम चन्द्रमा ।। इति शुभं भवतु ।। कल्याणमस्तु ।। १. जन्म दिनांक-१५ अगस्त १९२२ जन्म समय-४ बजकर १५ मिनिट प्रात: जन्म स्थान-दादिया (किशनगढ) (राज.) ४. उत्तर अक्षांश-२६०-३५' रेखान्तर-३० मिनिट ३६ सैकण्ड ५. पूर्व रेखांश-७४-५१ ६. श्री चित्रा पक्ष अयनांशा-२२-४६'-३५" Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012035
Book TitleUmravkunvarji Diksha Swarna Jayanti Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuprabhakumari
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1988
Total Pages1288
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
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