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________________ कि मैं आपश्री के दर्शन करूं लेकिन अंतराय कर्म के कारण मेरा स्वप्न अधूरा ही रहा। परम विदुषी म. सा. तो अचानक ही स्वर्ग पधार गये, कुछ समय के बाद आप भी हमें छोड़ कर सदा-सदा के लिए चले गए। अंत में कोटिशः श्रद्धा सुमन अर्पित करती हुई शासन देव से प्रार्थना करती हूं कि आप दोनों आत्माएँ जहाँ भी हो उन्हें चिर शांति प्राप्त करें। सरलता की प्रतिमूर्ति • श्री मधुकर झणकार चरणोपासिका साध्वी श्री आनन्दप्रभा 'आशा' आमेट (राज.) जिन्दगी न केवल जीने का बहाना है।। ___ जिन्दगी न केवल सांसों का खजाना है। जिन्दगी है सूरज पूर्व दिशा का जिन्दगी का काम सूरज उगाना है। वास्तव में जिन्दगी उसी की सार्थक है जो दूसरों के लिये प्रेरणा बन सके, दूसरों के लिये काम आ सके। ऐसी ही सुवासित जिन्दगी थी हमारी श्रद्धा केन्द्र ज्ञान-दर्शन-चारित्र की सकल साधिका स्नेह एवं सरलता की मंगलमूर्ति श्री श्री १०८ श्री कानकुंवरजी म.सा. की जो आज भौतिक देह से हमारे सामने नहीं आप सरलता की साक्षात् प्रतिमा थी सरलता एवं निर्मलता आपके रोम-रोम में उद्भावित थी। आपकी सरलता से प्रभावित होकर संत सतियाजी एवं कई श्रावक श्राविकाएं आपको सरलमना के नाम से भी पुकारते थे। - मुझे भी परमाराध्या द्वय महासती जी के मंगलमय दर्शन का लाभ वि.सं. २०३२ में कुचेरा में प्राप्त हुआ था। प्रथम पावन दर्शन में ही आपकी सरलता विनम्रता और उदारता पूर्ण सुमधुर व्यवहार से मेरा अन्तरमन आनंदरस से आप्लावित हो गया। आत्मीयता की अमृतमयी अनुभति से अन्तःकरण अपार आनन्द के क्षीर सागर में अवगाहन करने लगा। कोई सजावट नही, कोई बनावट नहीं ऐसा प्रतीत हुआ कि मैं वर्षों से आपकी कृपापात्र रही हूं। आपका आदर्श जीवन, आत्म साधना सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय समर्पित था। आपके अन्तर्मन में प्रतिपल और प्रतिक्षण सौम्यता सरलता उदारता और सात्विकता का निर्मल निर्झर कलाकल, छलछल का मधुर निनाद करता हुआ प्रवाहमान था। और वह भावुक भक्तों के पाप ताप को मिटाकर आध्यात्मिक सरलता प्रदान करता था। (३६) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012025
Book TitleMahasati Dwaya Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhashreeji, Tejsinh Gaud
PublisherSmruti Prakashan Samiti Madras
Publication Year1992
Total Pages584
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size12 MB
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