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श्रीमान् परमगुरुभक्त
वैरागी संजय कुमार सम्पतिलालजी बोहरा
[सुरेन्द्र मुनि उदयपुर (राज.) आप एक ओजस्वी-तेजस्वी और कर्मठ कार्य- साध्वीरत्न पुष्पवतीजी के त्याग वैराग्य के कर्ता और परम गुरुभक्त हैं। आपके पूज्यपिताश्री छलछलाते उपदेश से प्रभावित होकर संजय कुमार का नाम खेमराजजी बोहरा और मातेश्वरी का के मन में वैराग्य भावना उबुद्ध हई। आपश्री के नाम श्रीमती सुन्दरबाई था। आपका पाणिग्रहण पूज्य पिताश्री का नाम श्रीयुत चाँदमलजी बम्ब व जयपुर निवासी उमरावचन्दजी जरगड़ की सुपुत्री मातुश्री का नाम प्रेम बाई है। नगीनादेवी के साथ सम्पन्न हुआ। आपके राज
आपकी २६-११-८७ को अहमदनगर में आचार्य कूमार और विनयकुमार दो पुत्र हैं। चन्द्रकला
सम्राट, उपाध्याय श्रीजी, उपाचार्य श्रीजी आदि रीता, नीता ये तीन सुपुत्रियां हैं।
मुनि प्रवरों के सान्निध्य में दीक्षा सम्पन्न हुई और आप अनेक संस्थाओं के सम्माननीय अध्यक्ष,
आपका नाम सुरेन्द्र मुनि है । जो उप प्रवर्तक श्री उपाध्यक्ष और सचिव भी हैं और आप प्रत्येक कार्य
राजेन्द्र मुनिजी म. के शिष्य हैं। बहुत ही निष्ठा व लगन के साथ करते हैं । जिस से सहज ही सफलता देवी आपका वरण करती भागवती दीक्षा की खुशी में आपके परिवार ने है । आप का पूरा परिवार उपाध्याय श्रीजी, उपा- ग्रन्थ प्रकाशन में सहयोग प्रदान किया है। चार्य श्रीजी के प्रति समर्पित हैं। आप वर्षों से श्री तारक गरु जैन ग्रन्थालय के अध्यक्ष हैं। आपने प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में अपना अनुदान प्रदान कर सहज निष्ठा का परिचय प्रदान किया है।
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