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________________ श्रीमान् धर्मप्र मी गुरुभक्त जवाहरलालजी शेषमलजी विना किया, खंडप (राज०) आपका जन्म बाडमेर जिले में खंडप ग्राम में हुआ है। जहां पर श्रमण संघ के उपाचार्य श्री देवेन्द्र मुनिजी म० ने आर्हती दीक्षा ग्रहण की। श्री 'जवाहरलालजी के पिताश्री का नाम शेषमलजी 'विनाकिया और मातेश्वरी का नाम बक्सुबाई है । जवाहरलालजी में युवकोचित्र जोश है । सामा•जिक, धार्मिक कार्य करने की उत्कट भावना है । परम श्रद्धय उपाध्याय श्री पुष्कर मुनिजी म० और उपाचार्य श्रीजी के प्रति गहरी आस्था है । आपका व्यवसाय आंध्र प्रदेश में पुष्कर एजेन्सीज कर्नूल, क्वीक सेल्स कार्पोरेशन करनूल, महा वीर होजयरीज करनूल, प्लायवुड एण्ड लेमिनेट एन्टरप्राइजेज करनूल के नाम से है । प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में आपका हार्दिक अनु दान प्राप्त हुआ है । यह आपके उदार भक्ति का ज्वलंत प्रतीक है । Jain Education International में श्रीमान् स्व० तेजराजजी सा० बम्ब राजस्थान भादवा ग्राम के निवासी थे और आपका व्यवसाय इचलकरंजी में है । सन्त-सतियों की सेवा में आपकी विशेष निष्ठा थी । आपके सुपुत्र का नाम रूपराजजी सा० बम्ब है। पिता के धार्मिक संस्कार आपमें पूर्ण रूप से उभर कर आये हैं । आप भी पूज्य पिता की तरह ही सामाजिक, धार्मिक कार्य में सदा अग्रसर रहते हैं । आपने भादवा ग्राम में स्थानक व स्कुल का निर्माण करवाया । आपकी प्रबल प्र ेरणा और हार्दिक सहयोग के कारण इचलकरंजी में भी महावीर भवन का शानदार निर्माण हुआ और वर्षों तक सम्माननीय अध्यक्ष के रूप में समलंकृत रहे । श्रीमान् रूपराजजी सा० के चेनराजजी और महावीरजी ये दो सुपुत्र हैं। आपकी फर्म का नाम शाह तेजराज रूपराज बम्ब, क्लाथ मर्चेन्ट, कमी• शन एजेन्ट, मेन रोड, इचलकंरजी । श्रीमान् धर्मप्र मी गुरुभक्त स्व. तेजराजजी बम्ब इचलकरंजी स्वर्गवास २४-८-८२ प्रस्तुत ग्रन्थ में श्रीमान् रूपराजजी सा० ने अनुदान प्रदान किया है । एतदर्थ धन्यवाद ! ( १२ ) For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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