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आ. शांतिसागरजी जन्मशताब्दि स्मृतिग्रंथ
आचार्य श्री स्वयं एक संस्था परमपूज्य जगवंदनीय स्व. आचार्य श्री शांतिसागरजी के चरणों में त्रिकाल नमोस्तु ३ व सनम्र भावों से श्रद्धांजलि समर्पित है।
___ पूज्य आचार्य श्री स्वयं एक समादरणीय व्यापक संस्था थे। उन्होंने पूर्वाचार्यों की परम्परा की स्थापना की। अपने उत्कृष्ट आचारशुद्धि से दिगंबरत्व की प्रतिष्ठा बढाई । आप के उपदेश से मुनिआर्यिका, ऐल्लक, क्षुल्लक, क्षुल्लिका आदि रूप से प्रशस्त त्याग का प्रचलन प्रवाहित हुआ। विद्यमान आचार्य गण-साधुगण और त्यागीगण पूज्य आचार्य श्री का सदा के लिए कृतज्ञ रहेगा।
संघस्थ मुनि श्री विनयसागरजी, विजयसागरजी, भरतसागरजी, बाहुबलीजी आदि सबकी सविनय श्रद्धांजलि है। शिखरजी चौमासा
श्रद्धावनत आ. विमलसागर
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