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पच्चीस साल का अहवाल
श्रीधवलसिद्धांत आदि ग्रंथों की सूची
ग्रंथ में आनु- १ पत्र में मानिक श्लोक श्लोक
संख्या
पूर्ण व अपूर्ण
प्रति-लेखक
ग्रंथ या प्रति लिपि का समय
प्रति-लिपि
विशेष परिचय
संख्या
७१४८४ । १२०॥
अपूर्ण
दानिग-जिन्नपा शा. श. ७३८ सेठी वि. श. ८७३ ।
| वीर नि.१३४२
प्राचीन | इसमें २, ७१, ७२ और कन्नडी अंत के १० पत्र नहीं हैं।
४८०००
नृपगंडरदेव के सेना-पति मलिदेवने लिखवाया
इसके बीच बीच में अनेक पत्र नहीं है।
१८०४०
इसके बीच के ५६९ पत्र नहीं हैं। अंत में २ पत्रों में ग्रंथप्रशस्ति है।
७१६६५
वी. नि. वा. नि.
नागरी
मिरज गजपति शास्त्री
प्रारंभ वीर नि. २४२३ फाल्गुन सु. ७। अंत्य २४३० कर्मक सु. ५.
हळेकन्नडी
मूडबिद्री शांतप्प इंद्र
६८०००
मध्यकन्नडी
मूडबिद्री देवराज सेठी
ताडपत्र में श्री ताडपत्र और भू ताडपत्र ऐसे दो भेद हैं। श्री ताडपत्र भूर्जपत्र के माफिक बहुत पतला है।
जो कि आज कल मिलती नहीं । उक्त धवलादि तीनों ही सिद्धांत ग्रंथ श्री ताडपत्र में लाख के शाई से लिखवाया है। लोहे की सुई से नहीं लिखवा जा सकता है। परंतु भू ताडपत्र आज कल सर्वत्र मिलता है। अतएव उसमें लोहे की सुई से लिखवाकर फिर उसमें शाई भरवा दिया जाता है। इसलिए श्री ताडपत्र ही प्राचीन है । भू ताडपत्र अर्वाचीन है।
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