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आ. शांतिसागरजी जन्मशताब्दि स्मृतिग्रंथ
मूडबिद्री श्री सिद्धांतमंदिर के ग्रंथ भंडार में स्थित
अ.नं.
ग्रंथों के नाम
मूलकर्ता
टीकाकार
मूल व टीकाकी
भाषा
पत्रसंख्या
पत्रप्रमाण
श्रीधवलसिद्धांत
प्राकृत-संस्कृत
लंबाई २ फूट
श्रीपुष्पदंत भूतबलि श्रीवीरसेनाचार्य |
आचार्य
। ताडपत्र
५९२
चौडाई २॥"
ता. प. ८००
लं.२ फूट १"
चौ. "
।
ता. प. ६०५
लं.२ फूट ४".
चौ. २॥"
कागद प्रति १३०३
लं. फूट चौ. ११
कागद प्रति लं.१ फूट १३८२४॥"चौ.७""
कागद प्रति लं.१फूट१॥" २७६० चौ. ५॥"
वि. सू. यहां पर ताडपत्र के धवलसिद्धांत की तीन प्रतियां हैं। तीनों ही अपूर्ण हैं। १ ली नंबर वाली ग्रंथ में अंतिम वर्गनाखण्ड के आनुमानिक दस पत्र नहीं हैं ऐसा शास्त्री ने लिखा है। २ या ३ नंबर के ताडपत्र प्रति में बीच बीच में बहुत से पत्र नहीं हैं। तीनों कागज प्रतियां उक्त तीनों ताडपत्र ग्रंथों को परामर्श कर लिखा हुवा ऐसा मालुम पडता है। यह पहिला नंबरवाला ताडपत्र ग्रंथ को मंडलि नाडू के भुजबळ गंगाडि देव की काकी एडवि देमियक्क ने कोपण तीर्थ में प्रसिद्ध दानशूर जिन्नप्प सेठी से लिखवाकर बन्निकरे उत्तुंग चैत्यालय के प्रसिद्ध श्री शुभचंद्र सिद्धांत देव को अपने श्रुतपंचमी व्रत के उद्यापन के समय शास्त्रदान की थी।
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