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पच्चीस साल का अहवाल
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उसपर से पं. सितारामशास्त्रीजी ने अनेक प्रतियां की हैं जो कांरजा, आरा, सागर, सोलापुर आदि - स्थानों में विराजमान है । आगे भी इसपर से नागरी लिपि में प्रतिलिपियां होती गयी। लेकिन इन सब प्रतियों का मूल ताडपत्र से मिलान नहीं हुआ । उन्होंने मिलान नहीं किया । इसलिए ताडपत्र के फोटो संस्था ने फोटोग्राफर भेजकर मंगवाये थे ।
सोलापुर में शेठ रावजी सखाराम दोशी की प्रतिलिपि लेकर मूल ताडपत्र की प्रति से मिलान करने के लिए संस्था ने पं. लोकनाथ शास्त्री को मूडबिद्री भेजा था । किन्तु उन्होंने ताडपत्रों से मिलान नहीं किया । इस कारण ताडपत्रों के फोटो संस्था ने फोटोग्राफर झारापकर को भेजकर मंगवाये, जो संस्था के दप्तर में विद्यमान हैं ।
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