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जीवदया और सदाचार के अमर साक्ष्य : १४८ :
॥श्री परमात्मने नमो नमः ॥
श्रीमान मूनि महाराज श्री श्री १००८ श्री चौथमलजी महाराज मोहर छाप । पाली (मारवाड़)।
श्री का सेखेकाल पाली सं० १९८३ का ज्येष्ठ शुक्ला १४ चतुर्दशी को
+ पधारना हुवा और श्रीमहाराज ने उपदेश फरमायो तिण पर श्रीमान हाकिम साहिब कंवरजी श्री सवाईसिंहजी साहिब की मौजूदगी में शहर रा समस्त पंच ओसवाल पोरवाल, माहेश्वरी, अगरवाल, फतेपुरिया, पुष्करणा ब्राह्मण और समस्त कोम भेली होय ने धर्मरी वृद्धिकरण सारु साल एक यानी मास १२ बारे में अगता चार नीचे मुजब राखणा मंजुर किया अगर नहीं राखसी तो रूपिया ११ इग्यारा गुने-गारीरा देसी । मिती आषाढ़ कृष्णा ७ सप्तमी सम्वत् १९८३ रा तारीख २१ जून सन् १९२५ ई० ।
(१) मिती चैत्र सुदी १३ श्री महावीर स्वामीजी रो जन्म दिन । (२) मिती ज्येष्ठ सुदि ११ निर्जला इग्यारस। (३) मिती भाद्रपद कृष्णा ८ श्री कृष्णचन्द्रजी रो जन्म दिन । (४) मिती पौष कृष्णा १० श्री पार्श्वनाथजी रो जन्म दिन ।
ऊपर लिखिया मुजब अगता चार जीवसाई सारा जणा पालसी, जरूरत माफक शहर में दूकान एक-एक हरएक किश्मरा व्यापारी री खुली रेवेला सो अपने व्यापारिया से रजा लेकर खोलेला जिणमें कोई धर्मादेरो कफन समझ कर व्यौपारी उणसु लेलेवेला और हुंडी चिट्ठीरी भुगताण बन्द रेसी । पजसणारा अगता सदा बन्दसु पाले है उणी तरह पलसी । इत्यलम् ।
अज हकुमत पाली आज यह नकल सरदारान की तरफ से श्री महाराज के पेश करने के लिए पेश हई। लिहाजा असल नकल श्रीमान् पूज्य मुनिवर श्री १००८ श्री चौथमलजी महाराज साहिब के चरणकमलों में नजर हो । फक्त ता० २५-६-२७ ।
(सही) सवाईसिंह हाकिम–पाली
॥श्री एकलिंगजी॥ श्री रामजी॥ जैन सम्प्रदाय के पण्डित मुनि महाराज श्री चौथमल जी के व्याख्यान सुनने की अर्से से अभिलाषा थी कि आज मगशिर सूदी ५ को व्याख्यान आमदला पधारने पर सुना। व्याख्यान परोपकार व जीवन-सुधार के बारे में हआ। जिसके सुनने से मुझको व रियाया को बड़ा आनन्द हआ। नीचे लिखी प्रतिज्ञा की जाती है इस मुताबिक
(१) तीतर व लावा वाटपड़ या जनावरा पर मैं बन्दूक नहीं चलाऊँगा।
(२) ग्यारस, अमावस, पूनम का पहले से ही अगता रहता है और अब भी अगता राखूगा।
) स्वामीजी महाराज श्री चौथमलजी के आने के दिन अगता पाला जावेगा।
(४) पौष विदी १० श्री पार्श्वनाथजी का जन्म, चैत्र सुदी १३ महावीर स्वामी का जन्म है । इसलिए उस रोज अगता रखा जावेगा।
(५) वैशाख, श्रावण, कार्तिक इन तीन ही महीनों में मेरे हाथ से गोली नहीं चलाऊंगा।
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