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श्री जैन दिवाकर - स्मृति-ग्रन्थ ।
एक पारस-पुरुष का गरिमामय जीवन : १०२:
(३१) लसाणी के ठाकुर श्री खुमानसिंहजी (३२) करेड़ा के ठाकुर श्री उम्मेदसिंहजी (३३) पिपलोद के ठाकुर........" (३४) साहरंगी के ठाकर जोरावरसिंहजी (३५) नीमली के ठाकुर श्री महीपालसिंहजी और उनके भाई श्री राजेन्द्रसिंहजी (३६) घटियावली के ठाकुर श्री यशवन्तसिंहजी और उनके काका श्री जालिमसिंहजी (३७) कोशीथल के ठाकर श्री पद्मसिंहजी तथा उनके ज्येष्ठ पुत्र श्री जूवानसिंहजी (३८) जावरा के ठाकूर............... (३६) ताल के ठाकर श्री उम्मेदसिंहजी (४०) अरणोदा के ठाकुर श्री हिम्मतसिंहजी (४१) अठाणा के ठाकुर रावत विजयसिंहजी (४२) पारसोली के राव श्री रत्नसिंहजी (मेवाड़ाधीश के १६ जागीरदारों में से एक) (४३) भाटखेड़ी के राव श्री विजयसिंहजी (४४) गोगदा के राव श्री पृथ्वीसिंहजी और उनके पौत्रश्री दलपतसिंहजी (४५) बाहेड़ा के राव श्री नाहरसिंहजी और उनके सुपुत्र श्री नारायणसिंहजी (४६) भगवानपुरा के रावत श्री सुजानसिंहजी (४७) वाठरड़े के रावत श्री दिलीपसिंहजी (४८) कुरावड़ के रावत श्री बलवन्तसिंहजी (४६) बम्बोरे के रावत श्री मोड़सिंहजी (५०) पारसोली के रावत श्री लालसिंहजी (५१) सलुम्बर के रावत श्री ओमाड़सिंहजी (५२) देवगढ़ के रावत श्री विजयसिंहजी (मेवाड़ाधीश के सोलह उमरावों में से एक
तीन लाख के जागीदार) (५३) हमीरगढ़ के रावत श्री मदनसिंहजी (५४) कोठारिया के रावत श्री मानसिंहजी (५५) लूणदे के रावत श्री जवानसिंहजी (५६) कानोड़ के रावत श्री केसरीसिंहजी (५७) गेंता सरदार श्री तेजसिंहजी और उनके छोटे भाई श्री यशवन्तसिंहजी (५८) कुनाड़ी के कप्तान श्री दौलतसिंहजी (५६) नारायणगढ़ के जागीरदार श्री हफीजुल्ला खाँ (६०) गलथनी रियासत के जागीरदार श्री केसरीसिंहजी देवडा (६१) नन्दराय के जागीरदार"..... (६२) मोरवड़े के कुमार साहब श्री सरदारसिंहजी (६३) दासफा परगना (मारवाड़) के कुंवर श्री चमनसिंहजी (६४) कोठारी बलवन्तसिंहजी (उदयपुर स्टेट के प्रसिद्ध जागीरदार और महाराज के दीवान) अधिकारी (६५) श्री सी० एस० चैनेविक्स ट्रेन्स, सेटिलमेण्ट आफीसर तथा रेवेन्यू कमिश्नर मेवाड़
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