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"प्रस्तुत ग्रन्थ में चारों अनुयोगों का सार संकलित है। सामान्य श्रावक की बात जाने दें, अनेक ऐसी शंकाओं का समाधान इस ग्रन्थ में है जिन्हें विद्वान् भी नहीं जानते । यह ग्रन्थ एक प्राचार्य कल्प विद्वान् द्वारा प्रणीत ग्रन्थ की भाँति स्वाध्याय योग्य है ।"
-डॉ. कन्धेवीलाल जैन, रायपुर (म.प्र.
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"स्व. पं. मुख्तारसा. के पूर्व प्रकाशित शंका-समाधानों को अनुयोगों में विभाजित एवं सुसम्पादित करके एक खुशबूदार, शोभादर्शक अनमोल गुलदस्ता बनाया गया है । उनके अभिनन्दन / स्मरण / कृतज्ञताज्ञापन के निमित्त तैयार किया गया यह ग्रन्थ 'शंका-समाधान गरएक यन्त्र' के रूप में प्रत्येक स्वाध्यायी की चौकी पर 'तत्त्वचर्चा' सुलभ कराता रहेगा, ऐसा विश्वास है । "
-प्र. पं. सुमतिवाई शहा - ब्र. विद्युल्लता शहा
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"प्रस्तुत ग्रन्थ जिज्ञासुओं की शंकाओं के समाधान हेतु एक उपयोगी वृहत् कोश बन गया है। यह जिनवाणी मां के सपूतों के लिए प्रकाशस्तम्भ का कार्य करेगा।..."
--डॉ. कमलेशकुमार जैन, वाराणसी
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प्राप्ति स्थान : पं. जवाहरलाल जैन सिद्धान्तशास्त्री गिरिवर पोल, साटडिया बाजार भीण्डर ३१३ १०३ (राजस्थान)
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