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भगवान महावीर का सर्वोतरा शासन
सुमेर चन्द्र दिवाकर शास्त्री
असंयम और स्वच्छन्दता से सम्बन्धित आज के भयावह स्थिति : विज्ञान ने समस्त विश्व की बड़ी भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है । हिंसा का विषाक्त वातावरण और आध्या
प्रायः प्रत्येक राष्ट्र स्वार्थ की पराकाष्ठा पर त्मिक अंधियारी उप्र रूप से बढ़ रही है। बड़े-बड़े प्रतिष्ठित दिखाई दे रहा है। लोकनायकों की हार्दिक राष्ट्रनायक शान्ति, एकता, अहिंसा और शांतिपूर्ण
स्थिति का अकबर ने ठीक चित्रण क्यिा है: सहअस्तित्व (Peaceful co-existence) की सुमधुर
कौम के गम में पार्टियां खाते हैं हक्काम के साथ। चर्चा करते हैं, किन्तु वे प्रयास इसलिए विफल होते हैं कि उनके अन्तःकरण में सच्ची अहिंसा की भावना नहीं
रज लीडर को बहुत है, मगर आराम के साथ । है । वे लोग तो शेक्सपियर के नाटक मैकबेथ
विश्व शांति और अहिंसा की वाणी द्वारा चर्चा (Macbeth) के इन शब्दों के प्रतीक प्रतीत होते हैं।
करते समय हमारे मोननीय राजनीतिज्ञ करुणामय लेडी मैकबेथ अपने पति को मायाचार की इस प्रकार
आचरण की ओर तनिक भी ध्यान नहीं देते । डाइनिंग शिक्षा देती है,
टेबिल पर विश्व कल्याण की मंत्रणा करते समय ये
निरपराध पशुओं का मांस बड़ी रुचि से अपने उदर में Look like an innocent flower
प्रवेश कराते हुए तथा शराब को सूधा तुल्य मान पीते But be the serpent under it
हए अहिंसा के प्रकाश को खोजा करते हैं। ऐसी
आसुरीवृत्ति पूर्ण स्थिति में अहिंसा से भेंट होगी या तुम पुष्प के समान अपना निर्दोष रूप दर्शाना, किन्तु क्रूरतापूर्ण राक्षसी वृत्ति दिख पड़ेगी ? विश्वकवि रवि अपने हृदय में विषधर की घातक वृत्ति को छिपाए बाबू ने कहा था "महाशांति का संबंध 'महाप्रेम' के रखना (ताकि शत्रुडंकन का विनाश कार्य संपन्न हो साथ है" । खेद है कि आज लोग जीवन की पवित्रता सके) । आज राष्ट्र के कर्णधार हंस की मनोज्ञ मुद्रा (Sanctity of life) के स्थान में री की पवित्रता धारण कर बकराज का आचरण करते हैं।
(Sanctity of knife) को अपने अन्तःकरण में मान
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