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मथुरा से प्राप्त दूसरा आयागपट्ट सोपानयुक्त तोरण और प्रदक्षिणापथ सहित
कुषाणकालीन स्तूप (मथुरा म्यूजियम) कनिष्क प्रथम के पंचम वर्ष में विशाखमित्रा द्वारा गुप्तकालीन जैन कला किये दान का उल्लेख, कदाचित इसी पुष्करिणी से सम्बन्धित है । दूसरी भी कई सुन्दर जैन प्रतिमायें स गुप्तकाल में हिन्दू मन्दिरों का प्राथमिक स्वरूप प्राप्त हुई हैं।
निश्चित होने लगा था। मध्यप्रदेश में सांची, देवगढ,
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