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________________ ધનપ્રાપ્તિને લગતા મંત્રપ્રયોગો ૨૧૧ दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकरणाय सदा'चित्ता; ॐ श्री ही श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसोद ॐ श्री ह्रीं श्री महालक्षाय नमः ॥८॥ . . . ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्री ह्रीं श्री महालक्षायै नमः, दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि; गन्धद्वारां दुराधर्षा नित्यपुष्टां करीपिणीम् । ईश्वरी सर्वभूतानां तामिहोपहवये श्रियम् ।। दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकरणाय सदाद्रचित्ता; ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नमः । ९॥ ... . ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्री ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नमः; दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थैः स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि, मनसः काममाकूर्ति वाचः सत्यमशीमहि । पशूनां रुपमन्नस्य मयि श्रीः श्रयतां यशः॥ दारिद्रयदुःखभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकरणाय सदाईचित्ता; ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः ॥१०॥ . .. ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्री ही श्री महालक्ष्म्यै नमः, दुर्गे स्मृता हरसि भीतिमशेषजन्तोः स्वस्थः स्मृता मतिमतीव शुभा ददासि; कदमेन प्रजाभूता माये सम्भ्रम कर्दम । श्रियं वासय मे कुले मातरं पद्ममालिनीम् ॥ दारिद्यदुःखभयहारिणि का त्वदन्या, सर्वोपकारकरणाय सदा'चित्ता; ॐ श्रीं ह्रीं श्री कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्री रही श्री महालक्ष्म्यै नमः ॥११॥ . :
SR No.011613
Book TitleMantra Divakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah
PublisherPragna Prakashan Mandir
Publication Year1975
Total Pages418
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size13 MB
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