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भगवई
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णदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए खिप्पामेव ग्रासणाओ अभइ अभद्रुत्ता पायपीढायो पच्चोरुहइ, पच्चोरहित्ता पाउयानो अोमुयइ, अोमुइत्ता एगसाडिय उत्तरासग करेइ, करेत्ता अजलिमउलियहत्ये मम सत्तट्ठपयाइ अणुगच्छड, अणुगच्छित्ता मम तिक्खुत्तो पायाहिण-पयाहिण करेड, करेत्ता मम वदइ नमसड, वदित्ता नमसित्ता मम विउ नेण सव्वकामगुणिएण भोयणेण पडिलाभेस्सामित्ति तुडे, पडिलाभेमाणे वि तुडे, पडिलाभिते वि तुटे ।। तए ण तस्स सुणदस्स गाहावइस्स तेण दव्वसुद्धेण दायगमुढेणं पडिगाहगसुद्धेण तिविहेण तिकरणसद्धेण दाणेण मए पडिलाभिए समाणे देवाउए निवद्धे, ससारे परित्तीकए, गिहसि य से इमाइ पच दिव्वाइ पाउन्भूयाड, त जहा-वसुधारा वटा, दसद्धवण्णे कुसमे निवातिए, चेलुक्खेवे कए, पाहयानो देवदुदुभीग्रो,
अतरा वि य ण ागासे अहो दाणे, अहो दाणे त्ति घुटे ।। ४१. तए ण रायगिहे नगरे सिघाडग-तिग-चउक्क-चच्चर-चउम्मुह-महापह
पहेसु बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ एव भासइ एव पण्णवेइ एव परूवेइ-धन्ने ण देवाणुप्पिया | सुणदे गाहावई, कयत्थे ण देवाण प्पिया ! सुणदे गाहावई, कयपुण्णे ण देवाणु प्पिया । सुणदे गाहावई, कयलक्खणे ण देवाणुप्पिया | सुणदे गाहावई, कया ण लोया देवाणुप्पिया । सुणदस्स गाहावइस्स, सुलद्धे ण देवाणु प्पिया | माणुस्सए जम्मजीवियफले सुणदस्स गाहावइस्स, जस्स ण गिहसि तहारूवे साधू साधुरूवे पडिलाभिए समाणे इमाइ पच दिव्वाइ पाउन्भूयाइं, त जहा-वसुधारा वुट्ठा जाव' अहो दाणे, अहो दाणे त्ति घट्टे, त धन्ने कयत्थे कयपुण्णे कयलक्खणे, कया ण लोया, सुलद्धे माणुस्सए जम्मजीवियफले सुणदस्स गाहावइस्स, सुणदस्स गाहावइस्स ।।। तए ण से गोसाले मखलिपुत्ते बहुजणस्स अतिए एयम? सोच्चा निसम्म समुप्पन्नससए समुप्पन्नकोउहल्ले जेणेव सुणदस्स गाहावइस्स गिहे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता पासइ सुणदस्स गाहावइस्स गिहसि वसहार वट, दसद्ध वण्ण कुसुम निवडिय, मम च ण सुणदस्स गाहावइस्स गिहाम्रो पडिनिक्खममाण पासइ, पासित्ता हट्ठतुढे जेणेव मम अतिए तेणेव उवागच्छड, उवागच्छित्ता मम तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिण करेइ, करेत्ता मम वंदइ नमसइ, वदित्ता नमसित्ता मम एव वयासी-तुम्भे ण भते । मम धम्मायरिया,
अहण्ण तुभ धम्मतेवासी ।। ४३ तए ण अह गोयमा । गोसालस्स मखलिपुत्तस्स एयम नो अाढामि, नो
परिजाणामि, तुसिणीए सचिट्ठामि ।। चउत्थ-मासखमण-पद ४४ तए ण ग्रह गोयमा | रायगिहारो नगरानो पडिनिक्खमामि, पडिनिक्खमित्ता
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