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भगवई
एएणं मुहत्तपमाणेणं तीसमुहुत्ता अहोरत्तो, पण्ण रस अहोरत्ता पक्खो, दो पक्खा मासो, दो मासा उडू', तिण्णि उडू अयणे, दो' अयणा संवच्छरे, 'पंच सवच्छराइ' जुगे, वीस जुगाइ वाससय, दस वाससयाई वाससहस्स, सयं वाससहस्साणं वाससयसहस्सं, चउरासीइ वाससयसहस्साणि से एगे पुव्वगे, चउरासीइ पुव्वगा सयसहस्साइ से एगे पुवे, एवं तुडियगे, तुडिए, अडडगे, अडडे, अववगे, अव,हूहूयर्गे, हूहूए, उप्पलगे, उप्पले, पउमगे, पउमे, नलिणगे, नलिणे, अत्थनिउरगे, अत्थनिउरेअउयगे, अउए", 'नउयगे, नउए, पउयगे, पउएचलियगे, चूलिया, सीसपहेलियगे, सीसपहेलिया । एताव ताव गणिए, एताव ताव
गणियस्स विसए, तेण पर ओवमिए । ओवमिय-काल-पदं १३३ से कि त अोवमिए ? - अोवमिए दुविहे पण्णत्ते, त जहा-पलिओवमे य, सागरोवमे य ॥ १३४ 'से कि त पलिग्रोवमे ? से कि त सागरोवमे ?"
गाहा
सत्येण सुतिक्खेण वि, छेत्तु भेत्तु व"ज किर न सक्का । तं परमाणु सिद्धा, वदति आदि पमाणाण ॥१॥ अणताण परमाणुपोग्गलाणं समुदय-समिति-समागमेण सा एगा उस्सण्हसण्हिया इ वा, सण्हसण्हिया इ वा, उड्ढरेणू" इ वा, तसरेणू इ वा, रहरेणू इ वा, वालग्गे" इ वा, लिक्खा इवा, जूया इ वा, जवमझे इ वा, अगुले इवा। अट्ठ उस्सण्हसण्हियाग्रो सा एगा सण्हसण्हिया, अट्ठ सण्हसण्हियानो सा एगा उड्ढरेणू, अट्ठ उड्ढरेणूओ सा एगा तसरेणू, अट्ठ तसरेणूमो सा एगा रहरेणू, अट्ट रहरेणूमो से एगे देवकुरु-उत्तरकुरुगाण मणुस्साण वालग्गे, ‘एव हरिवास
रम्मग-हेमवय-एरन्नवयाण, पुव्व विदेहाणं मणुस्साण अट्ठ वालग्गा सा एगा १ उद् (ता, व)।
(क), पज्जुए य नज्जुए य (ब)। २ वे (ता, व)।
६ उवमिए (अ, क, व, म, स) । तुलना-अ० ३ पचसवच्छरिए (अ, क, ता, व, म, स)। सू० ४१७ । ४ अपपे (व, स)।
१०. से कि त पलिओवमे सागरोवमे २ (अ, स), ५ हूह्य (अ, क, स)।
मे कि त पलितोवमे २ (क, ता)। ६ निपूरे (क, ता, व) ।
११. च (अ, क, व, म, स, वृ)। ७ अनुए (न, न), अपुए (क), अज्जुए (व)। १२ उद्ध० (अ, क, ता, व, म)। = पदुए २, नउए २ (अ, ता, स), पज्जुए य० १३. बालग्गा (स)।