________________
बीअ सत (पढमो उद्देसो)
अहासुह देवाणुप्पिया | मा पडिबध ॥ ५८ तए ण से खंदए अणगारे समणेण भगवया महावीरेण अब्भणुण्णाए समाणे हट्ठे
जाव' नमसित्ता मासिय भिक्खुपडिम उवसपज्जित्ता ण विहरइ ॥ ५६. तए ण से खदए अणगारे मासिय भिक्खुपडिम अहासुत्त अहाकप्प अहामग्ग
अहातच्च अहासम्म सम्म कारण फासेइ पालेइ सोभेइ तोरेइ पूरेइ किट्रेइ अणपालेइ आणाए पाराहेइ, सम्म काएण फासेत्ता' •पालेत्ता सोभेत्ता तोरेत्ता पूरेत्ता कित्ता अणपालेत्ता आणाए° पाराहेत्ता जेणेव समणे भगव महावीरे तेणेव उवागच्छड, उवागच्छित्ता समण भगव •महावीर वदइ नमसइ, वदित्ता नमसित्ता एव वयासी-इच्छामि ण भते । तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए समाणे दोमासिय भिक्खुपडिम उवसपज्जित्ता ण विहरित्तए।
अहासुह देवाणुप्पिया | मा पडिबध । त चेव ॥ ६० एव तेमासिय, चउम्मासिय, पचमासिय, छम्मासिय, सत्तमासिय, पढमसत्तरा, तिदिय, दोच्चसत्तरातिदिय, तच्चसत्तरातिदिय, रातिदिय', एगरातिय ॥ ६१ तए ण से खदए अणगारे एगरातिय भिक्खुपडिम अहासुत्त जाव' पाराहेत्ता जेणेव
समणे भगव महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता समण भगव महावीर 'वदइ नमसइ, वदित्ता नमसित्ता एव वयासी-इच्छामि ण भते | तुब्भेहि अब्भणुण्णाए समाणे गुणरयणसवच्छर" तवोकम्मउवसपज्जित्ता ण विहरित्तए।
अहासुह देवाणुप्पिया | मा पडिबध ।। ६२ तए ण से खदए अणगारे समणेण भगवया महावीरेण अब्भणुण्णाए समाणे हट्ठ
तुठे जाव नमसित्ता गुणरयणसवच्छर तवोकम्म उवसपज्जित्ता ण विहरति, त जहापढम मास चउत्थचउत्थेण अणिक्खित्तेण तवोकम्मेण दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे, रत्ति वीरासणेण अवाउडेण य । दोच्च मास छठ्ठछद्रुण अणिक्खित्तेण तवोकम्मेण दिया ठाणुक्कुडुए सूराभिमुहे आयावणभूमीए आयावेमाणे, रत्ति वीरासणेण अवाउडेण य ।
१ भ० २।५२ । २ X (ता, म, वृ), सम (म, स), स्थानाङ्गे
(७१३) 'अहासम्म' इति पद नास्ति, केवल
'सम्म' वर्तते । ३ स० पा०-फासेत्ता जाव आराहेत्ता। ४. स० पा०-भगव जाव नमसित्ता। ५ भ० २।५८, ५६ । चेव एव दोमासिय
(अ, क, ता, ब, म, स)। ६ भ० २।५८-५६ । ७ अहोरातिदिय (अ, ता, म, स)। ८ एगरातिदिय (अ, क, म, स)। ६ भ० २।५६ । १० स० पा०-महावीर जाव नमसित्ता। ११ गुणरयण (क, ता, म, स)। १२ भ० २१५२ ।