________________
भगवई
होवसग्गा' फुसतु त्ति कटु एस मे नित्थारिए समाणे परलोयस्स हियाए सुहाए खमाए नीसेसाए प्राणुगामियत्ताए भविस्सइ।। त इच्छामि ण देवाणुप्पिया | सयमेव पव्वाविय, सयमेव मुडाविय, सयमेव सेहाविय, सयमेव सिक्खाविय, सयमेव अायार-गोयर विणय-वेणइय-चरण
करण-जायामायावत्तिय धम्ममाइक्खिय ।। ५३ तए ण समणे भगव महावीरे खदय कच्चायणसगोत्त स यमेव पव्वावेड, सयमेव
मुडावेइ, सयमेव सेहावेड, सयमेव सिक्खावेइ, सयमेव अायार-गोयर विण यवेणइय-चरण-करण-जायामायावत्तिय° धम्म माइक्खई"-एव देवाणप्पिया । गतव्व, एव चिट्ठियव्व, एव निसीइयव्ब, एव तुयट्टियव्व, एव भुजियव्वं, एव भासियव्व, एव उट्ठाय-उट्ठाय पाणेहि भूएहि जीवेहि सत्तेहि सजमेण
सजमियव्व, अस्सि च ण अद्वै णो किचि वि पमाइयव्व ।। ५४ तए ण से खदए कच्चायणसगोत्ते समणस्स भगवो महावीरस्स इम एयारूवं
धम्मिय उवएस सम्म सपडिवज्जइ-तमाणाए तह गच्छइ, तह चिट्ठइ, तह निसीयइ, तह तुयट्टइ, तह भुजड, तह भासइ, तह उट्ठाय-उट्ठाय पाणेहि भूएहिं
जीवेहि सत्तेहिं सजमेण सजमेइ, अस्सि च ण अद्वै णो पमायइ ।। ५५ तए ण से खदए कच्चायणसगोत्ते अणगारे जाते-इरियासमिए भासासमिए
एसणासमिए आयाणभडमत्तनिक्खेवणासमिए उच्चार-पासवण-खेल-सिघाणजल्ल-पारिट्ठावणियासमिए मणसमिए वइसमिए कायसमिए मणगुत्ते वइगुत्ते' कायगुत्ते गुत्ते गुत्तिदिए गुत्तवभयारी चाई लज्जू धन्ने खतिखमे जिइदिए सोहिए अनियाणे अप्पुस्सुए अवहिल्लेसे सुसामण्णरए दते इणमेव निग्गथ पावयण पुरो
काउ विहरइ॥ ५६ तए ण समणे भगव महावीरे कयगलामो नयरीनो छत्तपलासाो चेइयाओ पडि
निक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता वहिया जणवयविहार विहरइ॥ तए ण से खदए अणगारे समणस्स भगवओ महावीरस्स तहारूवाण थेराण प्रतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अगाइ अहिज्जइ, अहिज्जित्ता जेणेव समणे भगव महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवाग च्छित्ता समण भगव महावीरं वदइ नमसइ, वदित्ता नमसित्ता एवं वदासी–इच्छामि ण भते ! तुब्भेहिं अभणुण्णाए समाणे मासिय भिक्खुपडिम उवसपज्जित्ता ण विहरित्तए।
१. परिस्सहो० (ता, म)।
६ x (अ, ब, स)। २. X (अ, क, ता, व, म)।
७ वय ° (अ)। ३ वित्तिय घुव (क), वित्तिय (ता,म,स)। ८ लज्ज (अ, व)। ४. स० पाल-पव्वावेइ जाव धम्म०। ६ सामाइगमादियाति (क, व); सामातिय५ ° माइक्खाइ (अ, ता, व, स)।
मातियाइ (स)।