________________
२५
वीरविजय - ये बडे प्रसिद्ध कवि हुए हैं । भाषा में ही इनकी रचना पाई जाती है । गूजरात के थे । समय उन्नीसवीं शताब्दी । कवित्व में ये कविराज 'दयाराम' के समान थे ।
. खोडाजी ये लोंकागच्छ के थे । समय बीसवीं शताब्दी । ये गृहस्थ कवि मालूम होते हैं ।
. सांकळचंदजी समय वीसवीं शताब्दी । ये भी गृहस्थ कवि जान पड़ते हैं ।
सनातनी कवि
सूरदास
――
---
समय सोळवीं शताब्दी |
इनका
बनाया हुआ
उस में एक
लाख पद्य हैं ।
।
सूरदास के भजन
सूरसागर ग्रंथ सुप्रसिद्ध हैं, इनका वृत्तांत तो अधिक प्रसिद्ध है उनकी अन्तर्मुखता और ईश्वरपरायणता के ठीक सूचक है । कबीर जन्मसमय : वि. स. १४९६ निर्वाण समय १५७४ । सुप्रसिद्ध है । इनके जीवन में नहीं, गुरु का नामः रामानंद |
ये महात्मा का वृत्तांत चमत्कृतियां भी कम स्त्री के नाम लोई ? 1 रैदास - ये वडे भक्त मालूम होते हैं । इनके भजन के प्रत्येक वचन से ईश्वरभक्ति टपक रही है । समय और वृत्तात अवगत नहीं ।
• नरसैंयो – प्रसिद्ध नाम नरसिंह महेता । समय वि. स. सोळवीं
-
शताब्दी | जन्मस्थान जुनागढ — काठियावाड का एक मुख्य नगर । ज्ञाति वडनगरा नागर | अपनी भावज के टोणसे ये घरसे नीकल पडे और भगवद्भक्तिपरायण हुए । हारमाला वगेरे अनेक संग्रह इनके बनाये हुए है । इनके