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नीसरजावो
[१४९] करते हैं। प्रस्तुतमें 'त' के 'ट' होने का ऐसा हि कुछ कारण होना चाहिए। 'लिपटना' और 'लपटवू' (गुज०) क्रियापद भी उक्त 'लिप्त' से आया है।
४०. नीसरजावो-नीकलजाओ-बहार नीकलो।
सं०. 'निःसर से प्रा० 'नीसर' धातु। काठियावाड के ग्रामीण लोग 'नीहQ पद का भी प्रयोग करते हैं। उसका . भी मूल प्रस्तुत 'नीसर में है।
_ 'नीसर जावो' यह पद अखंड है वा उसमें 'नीसर' और 'जावो' ऐसे दो पद हैं ? यह प्रश्न विशेष विचारणीय है। प्राकृत भाषा में उपयुक्त क्रियापदों के प्रत्ययों को देखने से मालूम होता है कि 'नीसर जावो' यह कदाच अखंड क्रियापद भी हो । 'हो' धातु के आज्ञार्थ वा विध्यर्थ तृतीय पुरुष एकवचन में 'होएजाई' चा 'होजाउ' रूप होते हैं। 'होएज्जाउ' का अर्थ है 'होजाओ' ! प्रस्तुत 'होजाओ' पद का उपयोग प्रचलित हिंदी में सुप्रतीत . . . है। यह 'होएजाउ' वा 'होजाउ' पद प्राकृत में अखंड है-उसमें मूल धातु 'हो' है और 'एजाउ' वा 'जार' अंश . प्रत्यय का है । 'होएजाउ' पद के अनुसार 'होजाओ. पद . अखंड न बन सके ? और उसी के अनुसार 'नीसर' से . 'नीसरे जाउ' क्रियापद बना कर उससे 'नीसरिजाउ-नीसरजाओ..... -नीसरजावो ऐसा क्यों न हो सके? 'नीसरिजाउ क्रियापद .