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हेगा
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उपसर्ग के साथ 'भल्' धातु का अर्थ 'प्रत्यक्षीकरण' हो गया हो । वाग्व्यापार के क्रम को देखने से 'निभाल' से ' निहाल ' को लाना ठीक मालूम होता है ।
२९. हेगा - होगा ।
'हेगा' पद 'होगा' के अर्थ में आया है। दिल्ली तरफ के लोक अपनी बोलचाल की भाषा में 'होगा' के बदले 'हेगा' का व्यवहार असंकोच से करते हैं। दिल्ली के एक मेरे मित्र अपने पत्रव्यवहार में 'होगा' नहि लिखते किन्तु 'हेगा' लिखते हैं ।
३०. परना-पड जाना ।
सं० पतन प्रा० पडण । 'पडण' से 'परना' । प्राकृत में 'पतन' के 'न' का 'ण' हुआ, 'ग' के प्रभाव से 'त' को 'ड' में आना पडा । 'ण' मूर्धन्य होने से ऐसा परिवर्तन हो गया । बाद 'ड' का 'र' हो गया । 'ण' 'ड,' 'र' ये सब मूर्धन्यस्थानीय वर्ण हैं ।
भजन ५ वां ३१. पहिराया - पहिराना ।
सं० परि + धा- प्रा० परि+हा । 'परिहा' के 'र' और 'ह' का व्यत्यय होने से 'पहिरा' हुआ । प्रस्तुत 'पहिरा' में 'पहेरना' वा ' पहेरवुं' (गुज०) क्रियापद का मूल है ! प्राकृत में और