________________
1
कादि
आ प्रन्यना संपादननुं कार्य अथथी इति सूर्य अच्यानकार परमपूज्य विधान मुनिवरश्री यशोविजयजीए संमा है. संमाएं है एट नहि यत्र उत्साह, खंत अनं मतिमात्रपूर्वक तनाम जबाबदारी उपाडी समय अने शक्तिलो सदन योग आयो पर बतायें है. तमना आ ऋणो असे बहुलानपूर्वक स्वीकार करीए डीए. साथमा कार्य न लेने अनुज्ञा कपनार तेओ श्रीना बडिछ गुरुदेवों परमपूज्य आचार्यश्री प्रतापचरी तथा परमपूज्य आचार्यश्री धर्म मुनिवरोंने अनेक मुली शनीय ! बन्धनी सुन्दिन 'ख' ही आपने, तेमज बीजी रोते पण सुसहायक चननार चाणीना साझरवर्य प. मुनिश्री पुण्यविजयजी महाराजनुं ऋण तो को सूखाय ! सुद्योमनच्छोको तथा पू. उपाध्यायजीना इस्लाइ नया अन्य कोको आपवानुं औदार्य दाखवा बदल, श्रीमहावीर जैन विद्यालय अने लेना कार्यवाहकांना पग असे ऋण क्रीए, जे जे सुनिवरों तथा श्री इनिछात्र दीपचंद्र देसाई वगैरे अन्य बंधुओए, प्रत्यक्ष के परोक्ष गेले या कार्यमा मदद करी है, ते सौना अमो आनारी डीर केले आर्थिक मदद द्वारा ग्रन्थ प्रकाशनने शक्य वनावनार व्यक्तिओ अने संयोना असे हs आभारी डीए ने हरे पछी पू. उपाध्यायजी महाराजना बनारा प्रन्थ लुद्रणकानां जैन श्रीसंघ पोनानां सक्रिय आर्थिक सहकार आप पू. उपाध्यायजी मगजानना अनेकवि महाउपत्रागेनुं जैन संघ उपर से है, ते अडाको तेत्री चिन्न विनंति है.
अन्वनां आ ग्रन्थना वाचनथ कांदे प्रेराय अने तेर्मार्थी त्यागका
सुनुनु बाचको उपाध्यायजीना तत्त्रमन्पूर् नूळ्मन्थोना अभ्यास समुन्द्री प्रेरणा नेवी पात्राना जीवन उन्नत बनावे एन अभिलाष !
देरापोन्ट हाथीखाना नहा मिं २०१३
श्रीनागकुमार नाथाभाई मकाती लालचंद नंदलाल शाह
मंत्रीओ :- श्रीमारडी प्रन समिति बडोदरा