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________________ १७० परिच्छेदः ७ कमियुक्तिमूलए श्रीयावश्यकनियुक्तिवृत्तिर० श्रीपंचाशकमून ११ श्रीपंचाशकटीका १२ श्रीगणांगसूत्र १३ श्रीगाणांगसूत्रवृत्ति १४ श्रीगडाचारपयन्नासूत्र १५ श्रीगबाचारपयन्नावृत्ति१६ पिंमनियुक्तिमून १७ मिनियुक्ति वृत्ति १७ श्रीनगवतीसूत्र १ए श्रीनगवतीसूत्रवृत्ति २० कल्पसुबोधिका श्रीविनयविजयजी नपाध्यायकत१ श्री दशगणामूलश् श्रीदशाणावृत्ति३३ इत्यादिकग्रंथोंमां श्रीवीरनाशासनना साधुवोंने सपेत मांनोपेत जीर्णप्राय वस्त्र धारण करवां कह्यांडे अने वर्षाकाल प्रमुख कारणे धोववानु विधान कह्यु डे पण रंगवानु विधान का नथी तथा श्रीनिशीथसूत्रमा लोद कर्क प्रमुख द्रव्य, वस्त्र पात्रने लगाववां कह्यां ते श्रीनिशीथचूर्णिमा मदिराप्रमुख उगंध टालवाने कह्यांचे पण निरंतर गाढागाढकारण विना नेष बदलाववाने अर्थे कह्यां नथी इत्यादिक तर्क वितर्क समाधान सहित पूर्वोक्त सूत्र ग्रंथोना पाठ, नावार्थ सहित अस्मत्कृत स्तुतिनिर्णयविनाकरथी जांगवा एम पूर्वोक्त अनेक शास्त्रना अनिप्रायथी सपेतवस्त्र त्यागी पीनाकपमा प्रमुख धारणकरे तेने जैनलिंगनो वि. रोधी जाणवो. __ "श्रीशत्रुजयप्रमुख तीर्थनो विरोधी एवी रीते थाय के” ॥ वृहत्कल्पनाष्य १ वृत्ति २ सिक्षातसारसंग्रह३
SR No.010841
Book TitleChaturth Stuti Nirnay Shankoddhara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMarudhar Malav ane Gurjar Deshna Sadharmik Sangh
PublisherMarudhar Malav ane Gurjar Deshna Sadharmik Sangh
Publication Year1890
Total Pages538
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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