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________________ 78 APPENDIX II. विरह वाधा हरोगे॥ टरें नाहीं हिये ते हेत थातो ॥ सम्हारो पाय के प्यारे संघाती ॥ बढ़े पासा हिये भादों नदी सी। नदी से काम से छोभा वरीसी॥ तिहारी है दुखारी बूझिये क्या ॥ सुनो सुख देन प्यारे दीन हैं यों ॥ दई मारो न को अब दया पाना ॥ पर पां दूर ते ब्रजनाथ मानो ॥ सनेही ह तुम संग राछ जाने ॥ सबै मिल रावरे गुन को बखानें ॥ अजू अब सक लागे प्रान प्यारे॥ सुनें जिन कान दें अब गुन तिहारे ॥ तिनें घर बात कैसे सह परे हैं ॥ बिना ही काज जियरा जूझ मरे हैं। हमें तुम तो लगो सब भांति नीके ॥ करी किरपा हरौ यह साल हिय के ॥ कहा वारै निछावर है ढों हैं। कई कोली कही है जो कही है। रसिक शिर मार हो रस राखि लीजै ॥ तनिक मन मान के गुन चित्त दोजै॥ घरैया नाव को अब नाव ऐसे ॥ दुहाई है सुहाई ये पैर कैसे ॥ सदा ते सांवरे बिन मोल चेरी ॥ घरन ते काढ वन वन सो न घेरी॥ किये को लाज है ब्रजराज प्यारे ॥ विराजो सोस पै जग मैं उजारे ॥ सदा सुख है हमें तुम साथ पाछे लगी डोले छवोले छांह पाछे ॥ तुमे देखें तुमे भेट भले ही ॥ जगे साएं रु बैठे यां चले हो ॥ न न्यारी हैं न न्यारो हैं न न्यारी॥ भई हे प्रान प्यारे प्रान प्यारी॥ हमारी तो तिहारी पक बातें ॥ रंगोले रंगराती छोप गते ॥ सदा आनंद के घनस्याम संगो। जियो ज्यावा सुधा प्यावा अभंगी॥ इति वियोग वेली समाप्त ॥ श्री श्री श्री श्री श्री दः राधाचंद मिः सामनव०२ संवत १९४८ ॥ Subject.-विरह पौर वियोग। No. 9 (a) Srimad Bhagavadgita by Ananda Rama Substance--Country-mado paper. Leaves--99. Size--13 x 6 inches. Lines per page-12. Extent-2,400 Slokas. Appearance--old. Character-Nāgari. Date of compositionSamvat 1761. Date of manuscript-Samvat 1900. Place of Deposit-Srimad-Matangadhwaja Prasada Singha, village Baswana (Aligadh). Beginning.-श्रीपेxय ४ मा ओ३म् अस्य श्री........."इति न्यासः॥ प्रथ भगवद्गीता भाषा संयुक्त लिष्यते दो हरि गोरी गणेस गुरु प्रणवों सीस नवाय गीता भाषारथ करौं दोहा सहित बनाय ॥१॥ सुथिर राज विक्रम नगर नृप मनि-नृपति अनूप थिरि थाप्यो परधान यह राजसाम को रूप ॥ २ ॥ नाजर पानंद राम कै यह उपज्यो चित घाव गीता की टीका करौं सुनि श्री धर के भाव ॥३॥ मूल-श्रीxx यमः ॥ धर्म........."मववीत् ॥२॥ गीता ग्यान गभीर लपि रची जुबानंद राम कृष्ण चरन चित लगि रह्यो मन में पति अभिराम ॥४॥
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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