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________________ APPENDIX II. 73 मांझ साई हम जान्यों नहिं दूजा उर मानिये ॥ १५॥ इति हस्तामलक वेदांत समाप्तम ॥ १॥ शुभं भवतुः॥ Subject. -वेदान्त ज्ञान । No. 5. Rasika Govinda Chandra Chandrikā by Ali Rasika Govinda. Substance-Country-inade paper. Leaves -11. Size--10x6 inches. Lines per page-25. Extent325 Slokas. Appearance-old. Character-Nagari.. Date of composition-Samvat 1890. Date of manuscript-Sanivat 1912. Place of Deposit-Rāmānanda Lāla Hari Chanda Chaudhari, (Kosi) Mathura. ____Beginning.-श्री राधा सर्वेश्वर जृ सदा सहाय ॥ श्री गोपीजन वल्लभा जयति ॥ श्री मते निवादित्याय नमः ॥ अथ श्री रसिक गोविंद चंद्रिका लिप्यते ॥ दाहा ॥ जय जय जदा (य) श्री राधिका सर्वेश्वर श्री हंस ॥ सनकादिक नारट सदा निंव्यादित्यगसंस ॥ श्री निवास श्री विश्व श्री पुरुषोत्तम श्री विलास ॥ श्री म्वरूप श्री माधव जु श्री वलभद्र प्रकास ॥ २॥ श्री पद्माचारज प्रभू प्राचारज श्री. म्याम ॥ श्री गोपालाचार्य श्री कृपाचार्ज अभिराम ॥ ३॥ श्री देवाचारज प्रभ पु(प)नि श्री मुंदर भट्ट ॥ पद्मनाभ श्री उपेंद्र जू रामचंद्र जू प्रगट्ट ॥ ४॥ श्री वामन श्री कृरण श्री पद्माकर श्रवणेश ॥ भूरिप माधव स्याम जू गुपाल वलभद्रेस ॥५॥ गोपिनाथ केसव जु भट गंगल तट गंभीर ॥ श्रीकेसव भट सुभट जिहि छाप (लगी) कस्मीर ॥ ६ ॥ श्री भट्ट श्री हरि व्यास श्री परसराम परसिद्ध ॥ जिन चरनन सां. लगि रही अष्ट सिद्धि नव निद्धि ॥ ७ ॥ परसराम हरिवंश नरायन वृदावन सुष करन ॥ श्री गोविंद गोविंद सरन जू श्री सर्वेश्वर सस्न ॥ ८॥ इन पद वंदि गुविंद कवि लहत अनंद अपार ॥ अलंकार वर्नन करत कविता को श्रृंगार ॥ ९॥ End.-नांटाणी हरिचंद सुत हरि गुविंद महाराज । जादव दास सुबंधु किय राज काज सव साज ॥ १९६ ॥ कुसल सिंघ अरु थान सिंघ जादुदास के बंधु । सुत श्री शालिग्राम सुत बालमुकुद गुविंद ॥ श्री नारायण मुकुंद सु रच्या तासु हित ग्रंथ ॥ नभ निधि वसु ससि अब्द कवि दिन पंचमी वसंत ॥ १९८ ॥ विद्यारथी कवि गुविंद के राधालालरुचंद ॥ नाम गुविंद चंद चंद्रिका याते घसी गुविंद ॥ १९९ ॥ अपने सिष्य हरिदेव की प्रथमहि दुई पढ़ाई ॥ पुनि सब रसिकनि कविनु दै विनै करि पर पाय ॥ २०० ॥ रसिक गुविंद चंद चंद्रिका रची गुविंद विचारि ॥ भूल चूक कहु होइ तो लीजै सुकवि सुधारि ॥ २०१॥ कूर कुतर्को ज्ञान षत श्रद्धाहीन मलोन ॥ निंदक नास्तिक हरि विमुष तिन्हें न देउ प्रवीन ॥ २०२॥ कोक काव्य भाषा निपुन कवि पंडित जो हाइ॥ जिज्ञासी हरिजन
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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