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________________ 498 APPENDIX III. दशमाल्हासः ॥ १० ॥ इति द्वितीय कांड संपूर्ण ॥ २ ॥ श्री ॥ श्री ॥ श्री ॥ श्री ॥ श्री ॥ यह शासतर जी खुरजा के पंचायती बड़े मंदिर जी का है पत्र २६६ । Subject. — जैन शास्त्र - ज्ञान ॥ No. 107. Yasa Kavitta. Substance- Country-mide paper. Leaves-16. Size - 112 x 7 inches. Lines per page-23. Appearance — Old. Character—Nagari. Date of Manuscript -Samvat 1815 or A. D. 1758. Place of Deposit-The Public Library, Bharatapur State. Beginning. - श्री गणेशायनमः ॥ अथ जस कवित्त ॥ जाहर जहान खानखाना के सैा दान दे दै दारिद बिदारना सवाया जसु धारना कहे कवि राम नव शेरवांकी भांति सदा जालि को जारनौ गरीबनि की पारनी ॥ सावित खां महाबाहु तेरे बांट आयौ आज वग्गनि को मारना ओ फौजनि को फारना ॥ किले को उबारन मवासे को उजारनो जु अरि कौ पछारनी कजाकनि की मारना ॥ ७ ॥ इखू के मेवरारा वासे जालिम काहू सों जे कबहू न टरे हैं | राम भनै तेई साबित खान नै खग्ग सौ खंडि ग्वपाइ घरे हैं | मुंड डरे तरबूज से खेत मै रुंड ढरे इमि लाहू भरे हैं । मानौ भरे रंगरेज की हाट मैं माटक सू भके फाटि परे हैं ॥ २ ॥ अबल प्रचंड गाजो साबित खां बहादुर राम कवि कहै महाबोर सिरताज है || जाकी धाक x * गढ़पति गजपति हयपति जरपति करे भार जिये x साज है || कापत है जाखन तो ताखन में लाखन में ऐसे हाथ करे जैसे हाथ मृगराज हैं | दर वर दारि अरि वर की दवट्टि लेत तोतुर की जा विधि पटि लेत बाज है ॥ ३ ॥ End.—अब चारौ पुत्रनि का वर्णन ॥ चासौ पारावार हैं कि चारि पुरुबारथ हैं किधी चारि दिगपाल परम सुजान हैं | जानत अखंड साम दाम भेद दंड देखै राजी खंड ब्रहमंड गुनी करत बखाने हैं || सबै बुद्धिवान गुरु भगति मैं सावधान आवे निज थान ताको करै सनमान ॥ ताल चिरंजीव रहा जौ लौं धुवधाम अरु जाला राम नाम जौ लौं भानु हिम भान हैं | बड़ौ पुन्यवान हैं बंगाली दास जाकै सात नाती तेई साता सुष पूरै मनोकाम हैं ॥ लच्छिमि नारायन हैं धरम को धाम जहां जयनारायन जहां जय म्राठा जाम है || रामनारायन हरिनारायन एक राम तोता राम सोभा राम सबै अभिराम हैं | तो लो थिर रहा भर जल सात साइ रहें साता ग्रासमान सातो ऋषिसर नाम है ॥ ५७ ॥ इति श्री रामकविविरचितं बंगाली दास वंश वर्णनं पूर्ण ॥ संवत १८१५ वर्षे ज्येष्ट मासे शुक्ल पक्ष दशम्यां शुभमस्तु || कवि यजमानयेाः ॥ श्री शंकरायनमः ॥
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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