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APPENDIX III. बिमारही ॥ २५ ॥ इति श्री उत्थापन पचीसी समाप्त माघ सुदी १॥ संवत् १८९७ ॥ शाके १७६२ लिषतं घनस्याम मरैया गुपाचल मध्ये स्वार्थ ६ ॥ पठनार्थ श्री ॥५॥ महाराज बलवंत सिंह बहादुर बहादुर जंग मिपि कारिता रानी जी के गुर भईया श्री गिरधारी दासेन ॥ श्री राम यन्म। Subject.-विविध कवियों को कविताओं का संग्रह :
पृ० १-४ चित्रनिधि कृत उत्थापन को मंगलाष्टकं ॥ पृ० ५-७ राम जी को सखी। पृ० ७-२४ होरो प्रेम सखी कृत । पृ० २४-३५ , रूप सखी कृत ।
पृ०३५-४४ उत्थापन पचीसी। No. 103. Vaidyaka Sara. Substance-Country-made paper. Leavos--190. Size-9 x 54 inches. Lines per page -20. Extent-4,038 Slokas. Appearance-Old. Charactor -Nagari. Place of Doposit-Panditaa Govinda Ramaji Hakim, Khurjā.
Beginning.-श्री गणेशायनमः । ॐ नमो ब्रह्म प्रजापत्यश्चिवत्यभिद्धाभेय धन्वंतरि शुश्रुतं प्रभृतिभ्यः ॥ अथ पुस्तक भाषा वैद्यक की लिख्यते ॥ अथ गोली अंजन की ॥ संखनाभ ॥ पीपर के दाने ॥ नोला थाथा भूना ॥ वा लखपरिया ॥ सेंधा नोन ॥ ए सब आषद वराबर लेके नोंवू के रस मै परल करके मिर्चव ॥ ए वर गोलो कर रापै थूक से घिस के अंजन करे वाम नीचे पोषाज फूला जाय सही गोली अंजन को॥
End.-तालि साज चूर्ण तालिस पत्र २५ मर्च ११ सोट पैं३ पीपल । बंसलोचन पं ५ इलाची ३१ बूरा १६। चूरण करै मात्रा ताला १ सैत के सांत पाय विषम ज्वर क्षय जाय अडविंद तल अंड की जर तगर सतावर रासना सीधा भंगराज व यविडंग मुटि तेल मोठा अजा दुग्ध ये सबू कठे करै काथ कर पानी कैज रखै तेल रहै मानस मे डारै माथा हलका होय।
Subject.-औषधियों का संग्रह। - No. 104. Vaishnava Lakshana. Substance-Country. made paper. Leaves-b. Size-113 x 61 inches. Lines per page--24. Extent-187 Slokas. Appearance---Old. Character - Nāgari. Place of Deposit-Sri Dāvaki Nandanāchārya Pustakālaya, Kāmabana, Bharatapur State.
Beginning.- श्री कृष्णायनमः॥ श्री गोपीजनवल्लभायनमः ॥ श्री महाप्रभू जी से कल्यान भट्ट प्रार्थना करी जो महाराज भगवदीय बैष्णव के लक्षण कहो