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________________ 491 सब जाननहारो ९ बज पूजत कृष्ण तट रहे निस दिन पिया प्यारी सुख चहे १० तास सिष्य है वीरा वृंदा स्यामा स्याम देत अनंदा ११ वृन्दावन वृंदा को दोनो ग्ररु व्रज वोरा प्रलय कीनो १२ सिद्ध मंत्र ग्रस वृंदा दोया वन देविन तिहि दास्यहि लियेा ॥ १३ ॥ APPENDIX III. • End. - दोहा ॥ रूप मंजरी पद कमल तिनका करि कै ध्यान करि संछेपहि वरनिया काल अष्टमाख्यान ॥ इति श्री स्मरण मंगल भाषा संपूर्ण ॥ अथ श्री जोव गोस्वामी विरचितं जुगलाष्टकं लिष्यते ॥ कृष्ण प्रेम मयी राधा राधा मया हरिः ॥ जोवने निधने नित्यं राधा कृष्णौ गतिर्मम ॥ १ ॥ कृष्णस्य द्रविणं राधा राधाया द्रवं हरिः ॥ जीवने निधने नित्यं राधा कृष्णौ गतिर्मम ॥ २ ॥ कृष्ण प्राणमयी राधा राधा प्राणमयेो हरिः ॥ जीव० || कृष्ण द्रव्य मयी राधा द्वय मयेो हरिः ॥ जीव० ||४|| कृष्ण गेह स्थिता राधा राधा गेहे स्थितो हरिः || जीव || कृष्ण चित स्थिता राधा राधा चित स्थितो हरिः ॥ जीव० ॥ ६ ॥ नोलांवर धरा राधा पोतांवर धरो हरिः || जो० ॥ ७ ॥ वृंदावनेश्वरो राधा कृष्णा वृंदावनेश्वरः ॥ जोव० ॥ वृंदावनेस्वरी राधा कृष्णा वृंदावनेश्वरः || जीवने निधने नित्यं राधा कृष्ण गतिर्मम ॥ ८ ॥ इति श्री स्मरण मंगल संपूर्णम् ॥ राधारमण जो ॥ राजा ॥ राधा ॥ कृष्ण ॥ स्याम || राधे ॥ स्याम ॥ Subject.—थो राधाकृष्ण का स्मरण No. 98. Sudãmãji ki Bārākhadi. Substance- Countrymade paper. Loaves-3. Size-6 × 54 inches. Lines per page-10. Extent — 33 Ślokas. Appearance-Old. Charactor—Nagari. Date of Composition - Samvat 1854. or A. D. 1797. Place of Deposit - Chandra Sena Pujari, Khurjâ, Bulandasahar. Beginning. - श्री गणेसाय नमः । अथ सुदामा जी को वाराषडि लोपते' कका कवल नैन नारायण स्वामी वसै द्वारिका अंतरजामी । सुमरन करौ सुदामा faपरे ॥ बदन मलीन प्ररु फाटे कपरे ॥ १ ॥ षषा बाहि कहा सू साचै भारि ॥ पाई लागि उरवि वालि नारा ॥ हरि से पीव तुम्हारे मिता ॥ ईक चटसाल पढ़ते कंता ॥ २ ॥ गगा वेग विलम ये है राजा ॥ माहि देषी उपजेगी लाजा ॥ दुरबल हाय सदामां आया । वहात लोग मूष्टि देषा हसाये || ३ || घघा घरी घरी फीरो मांगता भोष ॥ सूनि हो कंत हमारि सोष ॥ उ दिन करो प्रान पग धरे ॥ श्री कृष्ण नाम मन माहि विचारो ॥ आनना नागरि कह अटपटी बाता | दालिद माथै लिष्या विधाता ॥ अपनु दुष सुष कासू कहियै ॥ मुनि ही सूं दरि चुप करि रहिये ॥ ५ ॥
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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