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APPENDIX III.
Lines per page-13. Extent-60 Slokas. Incomplete. Appearance-Old. Character-Nagari. Place of DepositSaraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya.
Beginning.-श्री सीतारामाय नमः॥ श्री सीताराम जी के चरन चिन्ह लिष्यते ॥ मंगलाचरण भाखा दाहा चरण अंक सियराम के सकल सुमंगल रूप परम मनोहर संत हित चालिम अष्ट सरूप जो रघुवर पद दक्षिणे सोता जू पद वाम सीता जू पद दक्षिणे रघुवर जू के वाम १ दहिन पाद तल मध्य मंह उर्द्धरेष दरसाहिं जेाग सरूप साक्षात वह अरुण रंग वर यांहि २ स्वस्तिक एंडी मध्य मंह पीत वरन छवि देहि सर्व कल्याण सरूप वह मन पेषत हरि लेहि ३ अष्टकोणता अन मह ऊर्द्धरेष के वाम अष्ट सिद्धि वर जोगमय रंग अरुण शुक्लाम ४ श्री सम्पूर्ण सरूप तहां वालहंस इव याहिं हलकुर वुद्धि समन को धवल रंग दरसाहिं ५ मूमन कर्म कुटिवे को धुर्म रंग वर भाई क्षमा शांति क्षिति धरण को असित रंग यहि राई
End.-कनक रंग वर मीन है साभित परम अनूप दिव्य सस्त सगुण को समष्टी रूप ३५ पूर्ण शशि के अंक वर लसित मनोहर यांहि परम प्रल्हाद सरूप वह शुक्ल रंग दरसाहि ३६ ताल मुक्षा ग्राम स्वर रागनि रागसंगोत विना सव समष्टिमय अरुण रंग सित पीत ।
. 'अपूर्ण Subject.-श्री सीताराम जी के चरण चिन्हों का वर्णन ।
Note.-इसके केवल २ पृष्ट हो रह गये हैं।
No. 97. Smarana Mangala. Substance-Country-made . paper. Loaves-18. Size-8 x 2 inchos. Lines per page10. Extent-About 360 Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Place of Deposit-Goswami Radha Charana ji, Brindabana.
* Beginning.-ॐ श्रीराधारमण जी सहाय ॥ वंदा गुरु गोविंद पद नोकै जिह सुमिरे वांक्षित है जी के १ वंदो श्री मत रूप सनातन श्री गोपाल भट्ट जग पावन २ श्री रघुनाथ भट्ट सिर नाऊं जीव गुसांई कृपा मनाऊं ३ दास गुसांई करुना कीजै जुगल प्रेम मोहे पूरण दीजे ४ वंदा व्रजमंडली तीरथ वर नंदगाम बरसाना गिरिवर ५ वंदो जुगल कुंड मुखरास जहां दुहुंन को नित्य विलास ६ वंदा वृदावन करि विनतो जीमन मरण तुमी मम गतो ७ नौमि भगवतो पूरण. मासी जोगमाया सब गुण की रासी ८ पिय प्यारी की लीला सारी तिहि घटना