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________________ 485. जप तप संयम पालै लोक । सील विना सव दीस फेोक ॥ सील सहित जो जप तप करै । भव सागर दुत्तर ते तरै ॥ ४ ॥ APPENDIX III. End.—कलसा || संसार सागर तरण तारण सील संकट सव टलै इह लेक जस परलेाक सुषिया सभा माहि आदर लहै नर नारि राधै मुकति साधै दान सुफला ते लहै सहाव पुर कवि जैत विनवै सील संकट सब टलै ॥ २५ ॥ इति सील रासा समाप्तम् ॥ १ ॥ • Subject. -'शील' के गुण और महिमा | Note. -पद्य | कवि ने अपना नाम स्पष्ट रूप से नहीं दिया । पर " कवि जैत विनवै सील संकट" से जान पड़ता है कि कोई "जैत" नाम का कवि ही इसका रचयिता है। -12. No. 91. Siva Brata Kathā. Substance - Country-made paper. Leaves-17. Size - 6 x 5 inches. Lines per page Extent—280 Ślokas. Appearance - Very old. Character—Nagari. Place of Deposit - Rāma Gopala Vaidya, Jahāngīrābād, Bulandaśahar. Beginning. - श्री गणेशाय नमः ॥ श्री भवानी संकराय नमः ॥ अथ शिवव्रत कथा भाषा लिष्यते ॥ व्यासदेव सुषदेव संवाद || दोहा ॥ प्रथम प्रणम्य गणेश कुं । संकर गौरि मनाइ || करि वंदना गुरु देव कूं ॥ कहे व्यास ऋषिराई ॥ १ ॥ areer || कहै व्यास सुनि सुत सुष देऊ ॥ सिवव्रत को कछु जानहु भेऊ ॥ ara भाति कैसो विधि करै ॥ किहि प्रकार नर मित्र विस्तरै ॥ २ ॥ कैसी विधि करि रचै महेस ॥ किहि विधि पूजा ताहि सुवेस ॥ सुषदेव उवाच ॥ तव कहै सुन सुनि पिता सुजान । नाइ सीस करि वहु सन्मान || ३ || कहा कपा करि संसै मिटै || हाइ सुषागम अघ सब कटै ॥ तुम से मुनि हों पैां कहा पूछन जाउ तात है ता ॥ ४ ॥ व्यास देव प्रति प्रीति विचारी ॥ परम हेतु धरि के है उचारी ॥ व्यास उवाच ॥ सुनिहु तात ताके विवहारा || अगर अथाह जास नहि पारा ॥ ५ ॥ एक जीभ कस कहूं वषान || वे संकर सव सुष के दान ॥ कई सहश्र जोजन के फेर ॥ कुंदन मई सव हैं सुमेर ॥ ६ ॥ कहूं कहां लग महिमा तास ॥ ता उपर साहत कविलास || और कहीं मंदिर हैं ताहां ॥ वैकुंठ यादि अमर के तहा ॥ ७ ॥ End. - महादेव उवाच ॥ कहै ईस सुनि प्राण पियारी ॥ कहूं भेव सौ सुनि हितकारी ॥ १९४ ॥ जो चाहें मोहि करौ प्रसन्न ॥ तो मैसी जुगति जिवावै अन्न । जिहि ठां हों तीरथ को थाथ ॥ आवै जहां वो हतु भगवान ॥ १९५ ॥ तिठा साइ पयाना करे ॥ तिन्ह से अपना प्रण उचरै ॥ बहु प्रदर करि, जेरै हाथ ॥ करि
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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