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APPENDIX III.
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No. 86. Senta ko Dhola. Substance-Country-made paper. Leaves-21. Size---7 x 6 inches. Lines per page —12. Extent—320 Ślokas. Appearance — Old. Character — Nagari. Place of Deposit-Śri Devaki Nandanācharya • Pustakālaya, Kāmabana, Bharavapur State.
Beginning.—श्री कृष्णायनमः ॥ अथ संत को ढाला लिख्यते ॥ ईदर गरजे तो धरती माता रे लर जीया रे || और अत घन बरसेंगे मेह मारयो नीके टूटे जूरेगे सनेह || जो राजा जनक के सीता बेटी रे ओतरी रे || और दसरत के श्री राम जाके सत ठाढे हैं जिमी रे असमांन ॥ हांजी उठ परभात हात लई भारी धन दांतन फाडी ॥ हांजी करत कलूला धन पूछन लागी मा मे व्याही के कारी और पोय को भेद बताय ॥ नातर मतो मरूंगी कमल बीस खाय ॥ हांजी तेरा सो नाह मेरी लाडो काहू को सासरो रे || और तेरा सा नाद प्योसार तू तो कोई कहै त ढोन कुंवर को नार ॥ हांजी नाथ माने तो मेरा चीर धरयो हरे व्याह को रे ॥ और बाचाल राज कुंवार ॥ जामे तेरे लीखे हे व्याह के साखाचार ॥
End. - अरे देख सखी याको धरनी धस गई || और खंभ डग मगे है गये रे | और कर हाने फेरी हे पीठ ॥ दरवाजे की खोल गई न्यारी न्यारी ईट || अरे ढाला वच्यो तो वाको करहा जखमी है गया रे || पर करहानं चावे हैं केसरीया वल मेrर चाक मेरे और देख सदर को लोक अरे मुख में अंचरा डाले रे नाहीं नजर लगेगो वलमा तेाय ॥
अपूर्ण Subject. - कुंवर ढोला को प्रसिद्ध दन्त-कथा ।
No. 87. Siddhānta. Substance—Country-made paper. Leaves—137. Size - 232 x 22 inches. Lines per page-6. Extent—411 Ślokas. Appearance — Old. Charactor—Nāgari. Place of Deposit-Radha Chandra Chaube, Bade Chaube, Mathurā.
Beginning.---सिद्धान्त सव सारति को सारि श्री मुष से श्री स्वामी जू काका समैं कहगे से मेरी बुद्ध मैं समायो प्राकत भाषा में लिषि लिया जो aaTa mit परै जैसे अमोलक लाल जों ने पर मैं धरिये तो सबकी दृष्टि मैं यह राज प्रमोल जा कौटि जतन कीजिये ताऊ हाथ न यावे सो सुगम सुनम दिषराये। याकै जा पर श्री ललिने जू को पूर्ण कपा दृष्टि होइ ताकै दिषरावनों कदाचित और की दिषरावनों नहीं जैसे महार कि प्रति कप