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________________ 478 APPENDIX III. ४०१२ ॥ उतर लष लग्न के स्वामो तै जात वक्र क १ हना ॥ इति षद पंचासिका यां वलभद्र धर्म रक्त तेदं पुस्तग संपुर्ण संवत १८९६ ॥ आश्वन वदा २। Subject.-ज्योतिष No. 8:2 Shat Panchāśikā. Substance-Country-mado paper. Leaves-15. Size-10% x 6 inches. Lines per page -12. Extent-392 Slokas. Appearance-01d. CharacterNāgari. Dato of Manuscript---Samvat 1920 or. A. D. 1863. Place of Deposit--Chandra Sana, Pujari, Khurja, Bulandasahar. Beginning. -श्री गणेशाय नमः प्रणपत्य x x कच्च ॥ अथ टीका ॥ पक लम का बाराह भाव तनुः१ धनु २ महज ३ मुहत्त ४ सुत ५ ॥ रिपु६॥ जाया। ७मृत्यु ८धर्म ९ कर्म १० ग्रायु ११ व्यय १२ एता ख्यान प्रछा विचारवी यव गाम च कि राजे जोतिपि उचितु नाम मद्य वृपि च्युति कहि ज्येन ॥ ३॥ अथवा वय माण राति पृछा तन स्थान की विचार वीचर लग्न होइ ता ॥ अथवा चर लग्न को नवांशक हाई ॥ तथा चर ॥ लग्न उपचार ॥ ४॥ सौम्य ग्रह सेांहि तरिशा वु वरतामंघ वृषि मृत्युयोग ॥ वंदि मोक्ष हाई स्थिर लग्न हाई वृष २ सिंह ५ वृश्चि ८ कुंभ ११ ईह चार लग्न माहि पृछाक पूछे तो शपटता चार्य न होय ईच एता कार्य पहिला न होय । (मूल) यो यो भावः x x x x वा ॥ ३॥ टोका ॥ प लग्न के द्वादश भाव ॥ जाणने लग्न का स्वामी अपणे गृह को देषता होइ ता भाव को वृद्धिःजाण को अथवा जिश भाव को पाप ग्रह देखै ति सुभाव को हानि जाणनी बुध गुरु शुक्र क्लप सका चंद्र मारा ते सौम्य ग्रह जाणिने शुभ सौम्ये नाव दे ॥ सूर्य मंदि मंगल राहु कृष्ण पक्ष का चंद्रमा एते पाप गृह जाणिने कर जाणने कर मंद भाव देषै सौम्य ग्रह को परिक्षा अशुभ कहनी कार्य को ॥ End.- प्रवासी को प्रछा प्रदेश गया होय मूयाकै जीव है तो प्रश्न लग्न उपर शनि भौम होय नवम स्थान पाप गृह होय सौम्य गृह अस्त मिति हो नीच होय तो प्रवाशो की मृत्यु भई अभग युक्त द्रष्ट म होय तो प्रवाशो परदेश दुखी परा है सौम्य सौम्य ॥ मूल ॥ युक्ते x x तस्थ ५६ अंशका जायते x x शनिश्चरांणां ॥५६॥ इति श्री ॥ षट पंचासिका वाराह मिराहरात्मजे विरांचितायां होराध्यायं संपूर्ण समाप्तं ॥ संवत १९२० शाके १७८३ तत्र आषाढ शुका त्रयोदश्यां चंद्रवासरे लिखतं स्वा ॥ मो काशोनाथ तत् पुत्र स्वामी कुमर सेन गोत्र भारद्वाज अर्जुन संतामि। . Subject.~~-ज्योतिष। No. 83. Shat Ritu ki Vārtā. Substance-Country-made paper. Leaves-44. Size-74 x 6 inches. Lines per page
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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