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APPENDIX III.
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जो का विवाह । नारायणदास कृत । १३ - ३० गुसाईं जो के पद ( गो० विट्ठलदास ) । १ - ९७ नित्य के पद ९७-३३३ वारामासी उत्सव कीर्तन राम. जन्म, फूल मंडनी, वल्लभाचार्य को जन्मवधाई, आख्यान द्वारिकानाथ जी कृत, अक्षय . तृतीया के पद नृसिंह ( नरसिंह ) जन्म के पद, जलयात्रा उत्सव, रथयात्रा के पद, पावस ऋतु के पद, "हिंडेोरा" के पद, पवित्रोत्सव के पद, राखी, जन्माष्टमी, पालना, राधाष्टमी की बधाई, दान नीला, वामन जीको प्रगट होयबा के पद, विजयादशमी के पद, गसा छवना, धनतेरस, दीपमालिका निर्णय, अन्नकूट, गोवर्द्धन पूजा, पद लीला के, इन्द्र काप निवारण, भाई बोज, यमुना जन्म के पद, गोपाष्टमी और प्रवोधनी के पद ।
No. 73. Saigraha. Substance-Country-made paper - Leaves-5. Size-53 × 4 inches. Lines per page-11. Extont—43 Ślokas. Appearance-Old. • Character—Nâgari. Place of Deposit-Chandra Sena Pujari, Gaigājī kā
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Mandira, Khurjā.
Beginning. — राग हलोः मं ( ग ) नाचरण राग धूम मची सगर नगरः मोद भरी नाचत नर नार चहु होली || १ || रंगन भरत काहु न टरत छैल नंद को री पट सुकरत राडा कैसे घर जाहु दई या लाज नई मारो ॥ २ ॥ वीणा पंजर गे साल सगण सण मांनु मानद घन घोरी कंद सव व्रज उजीयार चंद सुष वरषत श्री व्रजराज जी का पोरी ॥ ३ ॥
मगर मगर चगड चगड
ओरी: हाय रही रंग हो रंग
गहत हार कर वीहार कुच
वाजत मृदंग वाल
आनंद नंद आनंद
End – राग पुरबीः आगे गाय पाछे गाय यत गाय उत गाय गायन गोपाल जी को बसबा ई भावेः ॥ टेक ॥ गायन के संग धावै गायन चराय लावै गायन को पुरन रैन हिग्दै लगावै ॥ १ ॥ गायन मै व्रज छाया वैकुंठ विसार डाराः गायन के हिर्त चीत गिर कु उठावै सीत म्वामी गिरधारी वठलेस- वपधारो वालीया का रूप धरै गायन मै आवे ॥ २ ॥ मेरै तु जीय मै वस्त नवल प्रीया प्रानप्यारी ॥ तेरै दरस परस राग रंग उपजत है मनं न करि हा हारी ॥ तुही जीवन तुही प्रान तुही सकल गुननि ध्यान तो समान और मेरे नाहिन हितकारी व्यास की स्यांम न तेरी माया तै मै पाया है नांव विहारी ॥ १ ॥
Subject. - गाने के अनेक पदों का संग्रह ।
No. 74. Sangraha Khyāla.
Substance-Country-made
paper. Leaves. 58. Size-8 x 11 inches. Lines per pageExtent-65 Ślōkas. Appearance-New, Character
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