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APPENDIX III.
463.
No. 65. Rasoi Tīlā. Substance - Country-mado paper. • Leaves-13. Size - 6 x 5 inches. Lines por page-8. Extent-80 Ślokas. Appearance-Old. Character-Nāgari, Place of Deposit- The Public Library, Bharatapur State..
Beginning. — श्री गणेशाय नमः अथ रसाइ लोना लिप्यते पाडे एक गुपाल उपासो नाइ देषन प्राये वृजवासी १ जसुमति सुन्यौ नय में प्रायो न्योते दे मंदिर पराया २ धूप दीप चरघोदिक दोनं चर चंदन व हा बंदन कोने ३ बस दे बैठास पांडे ताला तुरत पद्याये भांडे ४ चूल्हा चौका सुंदर कौ सधै सरस तहांले सौ ५ चापे चामर तुरत बनाये सुंदर घोल घरे मन भाये ६ पांडे दस विध के चामर कोने गए राय भोग यह दूने ७ सोची साठो पोरे भूना म्याम भोग सुषदास मगाये सुंदर चांसी तुरत बनाये ८ मैदा मिसरी सुंदर गिरो घो को गागर जहां लै बरो ॥ ९ ॥ मोर वाहत सामग्री आनो तल फूलेन तपाये पानी १० पांडे जाइ पाक में सरक्यों चौका देषन ही मन हरष्यैौ ॥ ११ ॥
End.—अरो मैया मोहि कहा षिजावे कहा करूं माहि वहां बुनावै ८७ जा जनक मादेषसाच जा जन ते हूं मदार कांचा ८८ जा जन के ज्याचे हूं जैऊ जाजा के प्यायै हूं पोउ ८२ जन कहे साइ साइ करूं जन कारन दुटन से लकं ९० जन कारन प्रतिगा पारी जन कारन त्रि तारिका मारो ९१ जन कारन महा गिरिधारी जन कारन हरनाकुस मासी २२ से जन मोहि भामै रि मैया से हो तू वनभद्र से भैया ९३ वचन सुनत विस्मै भया पांडे भारो पांडे इक मन में वात विचारी ९४ बेद पुरान यह लोना गाई मैं जानू यह वहो कन्हाई २५ येई नंद जलावा माता येई कृष्ण येइ वनम्राता ९६ येई पूरन ब्रह्म सकन अभिनासो भागि वड़े इनके घर बासी ९७ पांडे कहो सु जमुवा जान्या पाया प्रसाद मोद मन मान्य ९८ तोनि वेर परिकर्मा दोनी सरधा सहित डंडात जु कीनी ९० जेा यहि लोला है सुनै सुनावे जो हर नाम कृगा कू पावै ॥ १०० इति श्री रसाई लीला संपूर्ण ॥
Subject. - रसाई लोला पांडे और श्री कृष्ण की । यशोदा के घर एक ब्राह्मण का आना, निमन्त्रण स्वीकार करना और भोजन करतो बेर "कृष्णार्पण" करना । बाल-रूप भगवान् कृष्ण का माना और थाली मे भोजन सामग्रियों का निकाल निकाल जूठा कर देना ॥ पांडे का क्रोध और श्राप देने को तैयार होना । यशोदा का समझाना अन्त में भगवान् कृष्ण का सारगर्भित बातें कहना और पांडे का भगवान कृष्ण की वन्दना करना ।
No. 66. Rupa Mañjarī, Volume I. Substance-Countrymade yellow bulky paper. Leaves-54. Size - 11 x 721⁄2