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________________ 452 APPENDIX III. नभचर खग बोले ॥ घर घर घोष द्वार सब खोलें ॥२॥ गोपा रही मथनीया धोये अपुनो अपुनो दह्यो विलायें ॥३॥ तिहारे सखा बुलावन माये ॥ कृष्ण नाम ले ले मंजान गाये ॥ ४॥ भूखन बसंन पलटि पेहेराऊं ॥ चंदन तिलक लिलाट बनाऊं ॥५॥ चत्रभुज प्रभु श्री गिरिवरधारी ॥ मुख छवि पर बलि गई मेहेतारो ॥६॥ पद ॥१॥ राग भेरव ॥ कलेउ के पद ॥ प्राछो नीका लोनो मुख भोरहो दिखाईये ॥ निस के उनीदे नेना तुतरात मोठे बेना ॥ भाव तेही जोय के मेरे सुष ही बढ़ाईये ॥९॥ सकल. सुखकरन त्रिविध ताप हरन उरको तिम वाढ्यो तुरत नसाईये ॥ द्वारे ठाढे ग्वाल बालक रोक लेउ लाल मिसिरी रोटी छोटो मोटो माखन सा खाईये ॥२॥ जागा मेरे बरि कनहिया बार फेरदारी मैया ॥ बेनो तो गुहो वनाय गहरन लाइये। परमानंद प्रभु जननी मुदित मन फूली फूली फूली अंग न समाईये ॥ ३॥ पद॥२॥ End.-राग विहागरो ॥ दूध पीयो मन मोहन प्यार ॥ बलि वलि जांउ गहर जिन लाया कमल नेनन के तारें॥१॥ पोट्या दूध पीजे सुख दोर्जे संग लहो वनभद्र भैया रे ॥ परमानंद प्रभु गोधन की सां प्रातहि उठ करु यारे ॥२॥ “पद ४४॥ राग बिहागरौ ॥ हसि हसि दूध पीवत नाथ ॥ मधुर कोमल बचन कहे कहें प्रानप्यारी साथ ॥ १ ॥ कनककचाना भरगे अमृत दीया ललिता हाथ ॥ दुलहनी अचवाय दुलहाँ पाछे आप अघात ॥ २॥ चिंतामनि चित वसे सजनी देखि पीय मुसकात ॥ सांम सांमा कि नवल छवि पर रसिक बलि बनि जात ॥३॥ पद ४५ ॥ इति श्री नित्य के पद समाप्त ॥ ___No. 50. Pada, by several poets. Leaves--9 out of 17. .Size--31 xut inches. Lines per . page--8. Extent--90 out of 170 Slokas. Incomplete. Appearance--Old. Character-- Nagari. Place of Deposit-- Saraswati Bhandara, Lakshmana. Kota, Ayodhya. • Beginning.-श्री गणेशायनमः दोहा जे अनिन्य सियराम के रसिक भकत गुनपान वदी सबके पदकमन वरदायक वरदान पद हारी फागुन भागन कर चढी पलिन वडी अनुराग अब हिल मिल हम षेला लली लाल संग फाग लालन लालन की जरी भरी रंग पिचकार अस छोडि वि सौ विहंस सिय उर पार निहार पद फुटकर हारी जानकी षेलन हारी पिय संग चली मापनें री अपने महल वै सज सज उर साहै चंपकलो सिय श्रुति कीरति उरमिला मांडवी चारहु जनक लली गम भरथ लछिमन रिपुसूदन जोरी बनी है भली सिय जू की छूटत मूठ गुलाल को राघव पिचक चली वरस परौ रंग दुहू वार तै कुमकुम छाप गली झुक झुक झपट पिया के सनमुष मुष सौ रोरी मली नृप दसरथ कौसल्या झरोषा हग छवि लेत भली सोताराम विनोद फाग मै वलि वलि अगृ अली १
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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