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________________ 448 APPENDIX III. per page-21. Extent-650 Ślōkas. Appearance-Old. Character-Nagari. Place of Deposit-Ramana Lāla Hari Chanda Chaudhari, Kosi, Mathura. Beginning.—श्री गणेशाय नमः ॥ श्री जगदंवायै नमः ॥ अथ लक्षना व्यंजना लिष्यते ॥ दोहा ॥ बांक बिहारी लाल को सेसहु बरनि सकै न ॥ बांकी झांकी में सदा लगे रहें मा नैन ॥ १ ॥ सब्द लक्षन || श्रोत्र ग्राह्य नभ भव सबद सा है विधि पहचान ॥ ध्वन्यात्मक इक जानियै वरनात्मक इक मान ॥ २ ॥ ध्वन्यात्मक वरनात्मक लक्षन ॥ वरना भाव सु होत ध्वनि संपादिक तें जान ॥ स्वर बरगादिक जोग ते बरनात्मक उर आन ॥ ३ ॥ वरनात्मक जो सब्द है सा है तोन प्रकार || रूढ़ रूढ़ जोगिक दुतिय जोगिक श्रतिय विचार ॥ ४ ॥ End.-वस्तु तें वस्तु लक्षः ॥ दिन दिन दुति दूनी बढ़ नवल वधू के अंग ॥ ललिपि विलषति सैौति सब हात जान बदरंग ॥ ४३ ॥ वार्त्ता ॥ इहां दिन दिन तुति वढ़िवा स्वतह संभवी वस्तु ताते प्रीतम या अव प्रधोन होयगो यह व्यंग्य 'ताते हम सब तिरस्कार को पावेंगी इत्यादि वस्तु ध्वनि ॥ अन्यच ॥ जावक लग्यो fear पै लक्ष्य लाल के बाल ॥ व्है आये लोचन X X x अपूर्ण Subject.-लक्षणाव्यञ्जना । No. 45. Mathuresaji ko Dhola. Substance—Countrymade paper. Leaves – 5. Size - 74 x 52 inches. Lines per page-15. Extent-65 Ślōkas. Appearance-Old. Charactor—Nāgari. Place of Deposit — Sri Devaki_Nandanācharya, Pustakalaya, Kāmabana, Bharatapur. Beginning.—श्रोकृष्णाय नमः ॥ अथ श्री मथुरेश जो को धोल लिख्यते ॥ रस रूप रंगोला रे श्री मथुरेश कहूं ॥ गुण नागरवीला रे चरणनी पास रहूं ॥ गाऊं प्रेम धरीने रे ॥ प्रेम रस सिंधु मयां ॥ थाहुं अंतर आतुर रे ॥ ईंदु प्रजवाला कयां ॥ तेज त्रिभुवन माप रे ॥ के वज जन ना प्यारो ॥ कवि वरण उतारा रे ॥ के लोचन ना तारा ॥ भुजा चार विराजे रे ॥ जेता मन थाप लुभाय ॥ पद्म प्राणपती नू रे ॥ मुख्य स्वामिनी जाना ॥ गदा कहिये कुमारि का रे ॥ स्यामा जो मन आना ॥ चक्र तेज चंद्रावली ना श्रुति रूपा संगे ॥ शंख ॥ संग जमुना महाराखी रे ॥ के श्याम सुंदर संगे ॥ गुप्त भाव थी मन मारे || करे चिंतन हरखे ॥ सर कुंज नो लीला रे ॥ के प्रेम सहित वरखे ॥ End.- सा व्रजवासी गिरि पर प्राष्या ने व्याल्या मुख थी वोल रे ॥ के कोई देवता के दूव्ये हाय की धूम न थी तोल | गोवर्द्धन रसिया रे ॥ ९ ॥ गिरि सिल्या उचकी ने जो फने दोठा सुंदर श्याम रे || पूछ देवता परवत के रासूंछे
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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