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________________ APPENDIX III. 447 No. 43. Laghu Adityavāra Katha. Substance- Countrymade paper. Leaves-3. Size-5 x 5 inches. Lines per page-14. Extent-45 Slōkas. Appearance-Old. Character-Nāgari. Date of Composition-Samvat 1678 or 1621 A. D, Date of Manuscript - Samvat 1825 or A. D. 1768. Place of Deposit-Pandita Rama Gōpālaji Vaidya, Jahangirābād. Beginning.- - अथ लघु प्रादित्यवार कथा निष्यते ॥ श्री सुषदायक पास जिनेस | प्रमुं भव्य पयाज दिनेस ॥ सुमरी सारद पद परिविंद दिनकर व्रत प्रगट्यौ मानंद ॥ वानारसि नगरी सुविसाल प्रजापाल प्रगट्यो भूपाल ॥ मति सागर तिहां सेठ सुजान ताकौ भूप करै सनमान ॥ २ ॥ तासु प्रिया गुण सुंदरी नाम सात पुत्र ताकै अभिराम ॥ षट सुत भाग करै परनीत वाल रूप गुण घर सुपवीत ॥ ३ ॥ सहस्र कूट से नित जिन धाम । आया जतो व्रती गुणधाम सुनि मुनि आगम हरषत भयो सबै लोग वंदन को गया ॥ ४ ॥ गुरु वाणी सुनि क गुणवती || सेठनि वै करी विनती ॥ व्रत जु एक कहै। समझाई जाते रोग वियोग नसाइ || करुनानिधि भाषै मुनिराय सुनहु भव्य तुम चित्तु लगाइ ॥ जब प्राषाढ सित पक्ष विचार तव लोजै अंतम रविवार ॥ ६ ॥ व्रत कीजै अथवा एक प्रहार ॥ करि लवणादिक रस परिहार ॥ नव फलजुत पंचामृत धार वसु प्रकार पूजा व्यवहार ॥ ७ ॥ उत्तम फल इक्यासी प्रानि नव घर देइ श्रावक जानि इह विधि सौं नव बरस प्रमान भवि इह व्रत पालो सुभ ध्यान ॥ ८ ॥ ८ ७ १६ End. - पाठ सात सारह के अंक रवि व्रत कथा रचि प्रकलंक ॥ थेारौ ग्रंथ रथ विस्तार करै कवोस्वर जो गुण धार ॥ २४ ॥ इह व्रत जो नर नारी करे से कबहु नहि दुरगति परै ॥ भाव सहित सुनै सुष लहै । भानु कीर्त्ति मुनिवर इम कहै || २५ || दोहरा || पारसनाथ रविव्रत इह सेवत नव निधि होइ । पुत्र कलित्र सुभाग सुष रोध वधि गुण लोइ || २६ || इति पारसनाथ रविव्रत कथा संपूर्ण संवत १८२५ ज्येष्ट मासे कृष्ण पक्ष्ये तिथौ पचम्यां शनिवासरे लिखने पंडित सेवाराम तिलोकपुर मध्ये । Subject. — जैन मतावलम्बियों का रवित्रत । Note. -पद्य । कवि ने अपना नाम स्पष्ट रूप से नहीं लिखा । जैन नैयायिक कलंक के नाम मढ़ दिया है परंतु अकलंक खोष्टीय पाठवों सदी में हुआ था और यह ग्रन्थ सत्रहवीं सदी में तैयार हुआ । No. 44. Lakshana Vyañjanā. Substance- Country made paper. Leaves-31. Size-11 x 6 inches. Lines
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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