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APPENDIX III.
___. No. 42. Krishna vati. Substance--Country-made paper. Leaves-6. Size-6 x 51 inches. Lines per :page-10. Extent-66 Slokas. Appearance-Old. Character---Nagari. Place of Deposit-Chandra Sēna Pujāri, Khurjā.
Beginning.-श्री गणेशाय नमः ॥ अथ कृष्णायोती लिषते ॥ प्रथमक सुमर गणपति तोहि कारन जोस्यध्य नर दीजे माही॥ दुजै सुमहंगोरो भरतार ॥ जटा मुकट सम ताका श्रंगार ॥ तीजे सुमहं गुरदेव गुग्ण गभीर ॥ जान वर दीया गंगा तोरि ॥ प्रथमक सुमरु सारदा माय ॥ भुल्यो अक्ष्यर दे समझाय ॥ जोन चरना सुनीकसी सुरसतो ॥ जीन चरना महल्या तिरी ॥ तोन लोक ब्रह्मावर ईस ॥ जल थल पुरी रह्यो जगदोस ॥ वानी थभा जीनो धरणो धरी ॥ पाणी वृंद सु पीरथी करी ॥ जाको जस कहु वषांग्णी ॥ ताकी तीनी लोक मै जाणी ॥ गुर गणपती कोअ लहु ॥ तो कृष्णामोती वषाणो करो कहुं ॥ जे नर शुणे श्रवणं चोत ॥ वध पुन्य पाप ध्यो जाय ॥ कंस देवकी बैहैन बुलाई ॥ दोन्ही बभ्रदेवको बुलाने परगाय ॥ भलो मुमूहरत नोको घडी पग दे पहीये देव चढी ॥ जोति अर्थ लीन्ही बढाय ॥ प्रथम कंस नोड़ा वण जाय ॥ मारोग जाता प्रोती अतो घणो ॥ धीर धेोप दे भगता तणी ॥ देव दासो ह तुम हतग्णी ॥ वांह पसरि मीला तीस बार ॥ येक वाणी बोली गगन मझारी ॥ देव कृषी उपज साय ॥ दुसमन्कंस तुह्मारा होय ॥
End.-हम तो सरगी पाये देव मुरारी ॥ हम कै कुल गगवा काजो ॥ ईन पापी कंस दुषन कोयो ॥ प्रासन छोनो हमारा लोया ॥ संप कमंडल घरोले काय ॥ जाहां पुजा चरचा करन कोय ॥ छुटे पुन्य र छुटे दान ॥ छुटे गंगा को असनान ॥ छुटे हाम जोज्य धर्म प्राचार ॥ छुटे कुल कर्म सकल संसार ॥ वचन दो यहु साचा कहो ॥ अव पातार नाही मैं लहु ॥ जदि मै भयो राम नरेस ॥ सेया वण घड पर परदंस ॥ मढी चोणाई वणो मझारी तांहा हरी हमारी सोता नारो ॥ लोकमण मायो सोता हड़ी ॥ मै ह नीकसो कहा पोटी घड़ी॥ ताहा साथर श्रुते वन फल पाही सेा ही मोल सा भोगो लगाहो ॥ हम नोठी छुटे जतन कराय ॥ जदो सोता कुं रावण ले जाय ॥ असा मध्यं कुं लाग्यो पाप । कांमु कहु कोई मदं न वाप। येक मेरे भभोषण भगत भलो ॥ छाड़या दल माही मीले अकेला ॥ ॐ नमे य दन्न कुकरी न चाट ॥ तो बस क दीयो 'कचन कोट ॥ मेरा साषी बांदरा x x x x x x x
'अपूर्ण Subject.-कंसवध और कृष्णचरित्र ।