________________
APPENDIX III.
431
-
No. 24. Gita Govinda and Phutakara pada. Substance -Country-made paper. Leaves--32. Size-5" x 4". Lines per page-7. Extent-225 Slokas. Appearanco-Old Verse. Character-Kaithi (Nagari). Place of Deposit-Babu Rama Chandra Tandana, B. A., Rama. Bhavana, Sahazadapur, Faizabad.
Beginning.-गीतगोविंद ॥ श्री कमलायुधमंडल धृत कीट कुंडल ये । कलित ललित बनमाल जय जय देव हरे ॥१॥ दीन मन मंडल मनना धृत खंडन ये ॥२॥ कलित ललित बनमाल जय जय देव हरे ॥३॥ + + + + + + + + + + + जय जय देव हरे ॥ ३० ॥ राग सारठ ॥ मन राम मुमिर पछतावेगा । पापी जियरा लैी करतु है आज कान उठ जावेगा ॥२॥ लालच लाग जन्म गंवाये माया भ्रम भुलावेगा । धन यौवन का गरभ न कीजै कागज सम गल जावेगा ॥३॥ जब जमराज फैट धै पकरे ता दिन कछु न वसावैगा ॥४॥ सुमिरन भजन दया नहिं कीना तउ मुख चींटो खावैगा ॥ ५॥ धग्मगज जब ले वा मांगै क्या मुख लै दिग्वलावेगा ॥६॥ कहत कबीर मुनो भाई साधेा मिल्न साध संग तर जावैगा ॥७॥
__End.--दोहा॥शंकर शंभु गिरीश हरि चन्द चूड़ भवनाथ । हर विलास वर वहत यह कहा कछुक हरिगाथ ॥२॥ जय गणपति मातंग मुख लंबोदर गुणखान । हरि विलास मन कामना सियपति (के) जन जान ॥ ३ ॥ सकल देवतन की कृपा श्री गुरुचरण प्रसाद । हरि विलास गावत सुखद कमलापति संवाद ॥४॥ गौर गात मृग दृग इला सजिल इला विख्यात । वदन इलापति जान जो सब इला दहु मुखं मात ॥५॥
Subject.-भिन्न २ कवियों के पदों का संग्रह।
No. 25. Gita Mahātmya. Substance-Country-made paper. Leaves 33. Size 7" x 5". Lines per page-20. Extent-825 Slokas. Appearance-Very old. CharacterNagari. Date of Manuscript-Samvat 1866 or 1809 A. D. Place of Doposit-Thakura Umarava Simhaa, Jakhaitya, (Bulandasahar).
Beginning.-श्री गणेशायनमः ॥ अथ गीता महात्म लिष्यते ॥ दोहा। गुरु गोविंद प्रणाम करि सारद पुनि गण ईश संत चरण रज रैनु लै धरी मापने शीश ॥१॥ गीता की महिमा कहाँ कहो प्रथम जो व्यास । निकसी पदमपुराणते सब को पुरवन पास ॥२॥ गोता वाचै जे सुनै ते मनु दे कोई इतनै हो