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________________ APPENDIX III. 427 No. 19. Kshētra Pāla ki Ārati Jaya Mūla. Substance - Country-made paper. Leaves-2. Size-5" x 5". Lines per page-14. Extent-25 Slokas. Appearance-Old. Characeter-Nāgari. Place of Deposit-Pandit Rāma Gõpāla ji Vaidya, Jahangirābād, Bulandasahar. ___Beginning.-अथ क्षेत्रपाल की आरती जयमान लिप्यते जयक्षेत्र सुपालं वहुगुण मालं नासिय दुःष या विघन .रं जय जय सुष कारण गुण गण धारण जिप मासण सिंगार वरं ॥६॥ जय पहले हो पूजी स्वामी क्षेपाल ॥ रग रावल देवल रक्ष पाल ॥ जल थल मैहियन मै तुम दयाल | विष विघन भूत पिसाच टाल ॥२॥ End.-काली माई मेघ मासे कर ऊं वियाली ईश्वर रावण र इ प्यारो राम लक्ष्मण गप अहेड पू मुड x प्राष्टष इ पंच विहिणी यी पांचइ ऊं उतारा त्रिपर कंकाली माई माघे माल नासे करइ वियालो ईस यि x x हं ते वेग जाऊ हनुमत वीर को अग्या फुरो मंत्र काई x x x रसात मा ४९ जिसका नाम लय तस्य ग्रह क्षेपते । तस्य x x x x ग्रह भवेत् ॥ Subject.-तन्त्र मन्त्र । इसमें क्षेत्रपाल को पारती पार यांकार गुण वर्णन दोनों सम्मिलित हैं। दोनों जैन धर्म संबन्धी हैं। ____No. 20. Chaubisa Ekadasi Mahatmya. Substance Brahma paper. Leaves -108. Size-10" x 4". Lines per page-7. Appearance-Old. Character-Nagari. Date of Manuscript-Samvat 1897 or 1840 A. D. Place of Deposit Śrī Nātha Pustakālaya, Village Sirsā, Tahsil Mēja, District Allahabad... ___Beginning.-श्री गणेशायनमः॥ अथ चौगेस एकादसी महात्म लिष्यते श्लोकः ॥ शुक्लांवरधरं विष्णू ससवर्ण चितुर्भज प्रसंन वदनः ध्यरे सर्व विघ्नोपि सांतये ॥ श्री पर्जुन उवाच ॥ ऐक समै श्री कृरण जू को अर्जुन पूक्त है कै ग्रहो श्री देवाधि देव जू जे पुरुष येक वार भोजन करता है अरु जे नक्षत्रन उदै भोजन करत है तिनके न्यारे न्यारे फल कहि जे ॥ श्री भगवान वाच ॥ तव श्री परमेस्वर जू कहत हैं कै अर्जन जे पुरिष येक वार भोजन करत है ताकी आर बनन तै सत. गुना फलु होत है अरु जे पुरुष नक्षत्र के उदै भोजन करत हैं ते सहस्र गुणा फल पाउत है और जे केवल एकादसो का व्रत करत है तिनके फनन को अंतु नाही है और तिनके नजोकं जम नाहों पाउत है अरु जितने फल सूय परभी तै होत है ग्रह
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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