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________________ 425 Beginning न सति श्री गणेशायनमः कैलास कासि के वासी ॥ अवनासि अत्र शुध लिजेा ॥ सेवक सरन सदा चरना कि ॥ अपने जान कपा कीजा ॥ चभदान दिजा प्रभः मेरे ॥ सकन्न सिष्ट के अधकारि || भोलानाथ भगत मन रंजन || भः (व) भंजन जः न सुषकारि ॥ १ ॥ ब्रह्मा विष्ण मेश मुनि नाग्द || याद कर सेवा ॥ इंक्षा जीन कि पूरनं किनी ॥ प्रादि सनातन मह २ देवा ॥ भगत मुकत दाता भुगतेस ॥ २ ॥ त्रभुन इसः २ त्रपुरारी || भोलानाथ भगत मन निरंजन ( रंजन) भः भंजन जन शुषकारी ॥ २ ॥ APPENDIX III. End. - तुमहि भगत सरोवन दाता राम उपानि अधःकारी ॥ भोलानाथ मन निरंजनः ॥ भः भंजन सुषकारि १० मः हमा विष्ण महेसर जि की ॥ कः हे सुन जो नित गवः ॥ सुष संपत आनंद पर पुरनः सिध अनुपम ते पावै श्री वजः भुष : कपा किः रिः हः ॥ हो प्रसं द जवः सा पायः ॥ भोलानाथ भगत मन निरंजन भः भंजन मंगल गाय ॥ इति श्री मत सांकाचारजः श्री व्रजभुषन प्रस्तत्र समानि ॥ १ ॥ Subject. - महादेव जी की स्तुति । No. 17. Sitapada Chamara Bhasha Tika. Substance-British foolscap. Leaves-59. Size-61" x 4". per page-12. Extent – 1,120 Ślōkas. IncomAppearance —New. Character—Nagari. Place of Deposit—Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. Lines plete. Beginning.—श्रो जनकीवल्लभो जयति ॥ श्री सद्गुरुचरणकमलेभ्य नमः ॥ श्री चंद्रकलायै नमः ॥ देो० ॥ श्रीगणेश गौरी सुवन विघन हरन गजमाथ ॥ वदों हर हनुमान रवि वेद विदित गुन गाथ ॥ १ ॥ मोक्षमून श्री गुरुकृपा ध्यान मूल गुरुगात ॥ यजन मून गुरु पद कमल । मंत्र मूल गुरु बात || २ || यद्यपि मा मति मलिन प्रति विषय लीन जल मीन ॥ तद्यपि श्री सतगुरु कृपा शुभ अवलंबन कोन ॥ ३ ॥ श्री सतगुरु पद पंकरुह रज अवलंबन पाय || सीता पद चामर सुभग भाषा अर्थ - नाय ॥ ४ ॥ श्री श्री चंद्रकला कला बुधि विद्या गुनधाम । वंदा तन मन बचन तव कृपा लहां विश्राम ॥ ५ ॥ जनकसुता दशरथ सुवन दुवन दवन नत पान वदे युग पद पद्म रज विधि हरिहर घर माल ॥ ६ ॥ सा० ॥ वद सियपिय राम भरत मांडवी प्रानपनि ॥ लषन उर्मिना जानि श्रुतिकीरति पति शत्रुघन ॥ ७ ॥ जात श्री सीताराम जुगल रूप जू वास्तव में एक ही हैं ताते श्री वेदाताचार्य परम उपासक श्री स्वानी जू एक बचन से श्री सीताराम जू महालावन्य धाम जू का स्मरनालक मंगलाचरन करते हैं । टोका | वार्त्तिक ॥ ६ ॥
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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