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________________ 424 APPENDIX III. बीच मेरे नन घटा घनघोर हैं ॥ तेरे नैन मेरे नैन मेरे नैन तरे नन तरे नैन चोरिबे को मेरे नैन चार हैं ॥२॥ ind.-हसि बोनहुगो मृदु बोलनि सै नहिं मान कै वैननि भाषदगी परिजनि को मुष चुंवन दै छन सौ अधग रस चाषहुगो लपाइ गरे तन ताप वुझाइ के यो विरहा दुष नाषहुगो अव कैरस गस किमार मिले ताहि पै कहला करि राषहुगो २२२ जाचक चकोरनि की पुंज दिलदारनि को प्रिय-अपूर्ण Subject.-विविध कविताओं का संग्रह । ___No. 15. Bhenta. Substance-Country-made paper. Leaves---3. Size_9" x 52". Lines per pago-21. Extent94 Slokas. Appearance-Old. Character-Vayari. Place of Deposit-Pustakālaya Mākhanaji Bābū Lāla Pyārē Lāla, Satagadha, Mathurā. ___Beginning.-श्री गणेशाय नमः अथ भेट नियते सदा अनंदो माय लाज वांना कोराखौ सैरू सारदा माइ मुरसतो बोलवानो गाऊं तेग मंग नाचार प्रकन हिरदा मै प्रानो लाई लाई चारों वेद पाप बाचे महारांनो तेरा अपरमवार को न पावै महारानो भूप घनेग पच गया तेरा किन न पाया पार ॥ में बालक जानूं नहीं में भूलू तो समुझाय ज्योति हिग्दै परगासा सदां अ.१ मेपै कह्यो न जाय विरद तेरा वांना को कोयो कुग्षेतन संग्राम सीप तारौ दांना कौ ॥ कुम्पेतन के बोच अमुर को तोरी नाका पेज परो दानां दना ते ने मनो बनाई तेग करपेतन साको कोया तेने मारा चकर चलाय सोम तारौ दाना का मदां अ०२॥ ___End.-वांकी सैदमू पुर की गादी रत्तो संगति गुर की साधो माइ वना दी वांटू भजन का सीया लल्लू साहर सेठ कहायो विन्ने भात जोड़ के गायो आया साई जाउ सुनाया हर का नाम तो लोया-नर ९ Subject.-स्तुति देवी जी की। Note.-संभवतः कवि का नाम नरमी है। एक स्थान पर 'नरमी' शब्द निम्न भांति प्रयोग में आया है जिससे विदित होता है यह कवि का नाम है " 'नरसी' बैठा बिछा चटाई चरचा मामलिया की गाई।" No. 16. Braja Bhūshaņa Stotra. Substance-Countrymade paper. Leaves-9. Size-4" x 4". Lines per page7. Extent-96 Slokas. Appearance-Old. Character-Nagari. Place of Deposit-Pandit Rina Gopala ji Vaidya, Jahangirūbād, Bulanda sahar.
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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