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________________ APPENDIX II. 407 धरौ ॥१॥ श्री गुरु व्यास सुकल कुल अवतरे ॥ रसिक अनन्य प्रकास रास रस अनुसरे ॥ अनुसरे रस रास रसनिधि रसिकवर कीड़त जहां ॥ निज महल टहल में सदा सेवत पीक भाजन ले तहां ॥ हांस रस नेन नष चेपांहो मुख कमल साई उचर ॥ जै जै श्री गुरु व्यास सुकल कुल अवतरे ॥ २ ॥ __End.-लीला गोकुल गांव की गोपी कृष्ण सनेह ॥ जन मोहन जा गावही सा पावे नर देह ॥ १२४ ॥ जो गावै सोखै सुनै मन क्रम वचन समेत ॥ रसिकराइ पूरन कृपा मन वांछित फल देत ॥ गोपी और ऊधो कथा भूतल परम पुनीत ॥ तीन लोक चौदह भुवन सुनतहो उपजे प्रीति ॥ १२६ ॥ नासत सकल कलेस करन अरु उपजत मन माद ॥ जुगल चरन मकरंद मन पावत पर्म विनोद ॥ १२७ ॥ भवर गीत को जो पढ़ सुनै सकल चित लाइ ॥ इछा उनकी पूग्बै राधा कृष्ण सहाय ॥ १२८ ॥ इति श्री सनेह लीला संपूर्ण संवत १८१४ शाके १७५२ माघे सिते ४ चंद्रवासरे ॥ इदं प्रति लिध्यतं पीयरी मध्ये श्री मिश्र जी गंगा रामात्मज बलदेव उपाध्याय लिषायतं धर्ममूर्ति धर्मावतार श्री ५ महाराजाधिराज श्री ठाकुर साहब जी श्री जैकिशोर सिंह जी वेसमावारे श्री बालकृष्ण प्रसादात् प्रति संपूर्णम् ॥ श्री मद्गोपालाय नमः ॥ श्री श्री श्री श्रो॥ Subject.-व्यास जी के पद १२४) रास पंचाध्यायी २२४१ व्यास । साधारण पद २५७) सनेह लीला २६७ मोहन दास। No. 205. Bhāvanāmrita Kadambini by Yugala Mai. jari, Substance-Country-made paper. Leaves-3. Size 710" x 5". Lines per page-13. Extent-1,450 Slokas. Appearance-Old. Character-~-Nagari. Date of Manuscript -Samvat 1909 or A. D. 1852. Place of Deposit-Saraswati Bhandara, Lakshmana Kota, Ayodhya. Beginning.-श्री मन्मारुतनंदनाय नमः ॥ श्री जानकोवल्लभो जयति । श्री रस नृप केलि कादम्बिनी लिष्यते ॥ वंदै श्री गुरुचरणरज रहस्यनिधान निदान श्री सीतावर भक्तिरस सब मुष षांनि मुदान १ श्री सीतावर माधुरी अमृत सिंधु पाठीन बंदों सियवर रसिक जन भक्ति निदान सुपीन २ मुष सा सीताराम कहि धरि कै सियपिय चित्त चार वेद का सार यह ध्यान सु सीता मित्त ३ ज्यों जल मोनहिं प्रिय लगत ज्यों लोभी का वित्त ज्यों कामी को का. मिनी त्यां सिपिय धरचित्त ४ रंगमहल सब रितु सुषद रस नृप केलि निदान
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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