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________________ 404 APPENDIX II. per Slokas. Appearance-Not old. Character--Nagari. Date of Composition-Samvat 1866-1870 or A. D. 1809-1813. Place of Deposit-The Library of the late Rājā Ramēsa Simha of Kālā Kākara, Prata pagarh. page-8. Extent-1,000 Beginning. - श्रीगणेशायनमः ॥ अथ मंगलाचरण कवित्त्वम् मंगल करण पाप ताप की हर दुःख दारिद दर पूजा धग्न चरण है औढर दरन क चारि फरन गबै पन को परन साढ़े साम प्रभग्न है तेज का तरग दानवारि को भरण शुद्धि बुद्धि का वरण सिद्धि के करण करण है वारन वदन धन भाग्न भग्न अस रण के सरण श्रीगणेश के चरण हैं १ अपरंच दोहा || श्री रघुपति को पद कमन्न वन्दी वारहि बार जाम कृते सिन्धु मै वाहित भए पहार २ अन्यच्च गुरु को पद बंदन करो दयासिन्धु भगवान जाके सुमिरत हि मिटै मायाकृत प्रज्ञान ३ अथ देश तीर्थ कथनं दाहा सकन देश की मुकुटमणि मध्य देश अभिगम तोग्यराज प्रयाग तह नमत सुमंगल धाम ४ अथ तीरथराज वर्णनम् । कुन्दकू अलंकार रूपक क्षेत्र अक्षयवट वोचि सितासित चवर विराजत सचिव विवेक विराग्य योग संयम भट गाजन वन्दी विमन पुराण द्वार पंक्ति श्रुतिचारी सप्तपुरी अभिराम सदा जाकी प्रिय नारी ॥ धर्माधिकार आचार सुत सिहासन पट कुन भनि इन्द्रादि देव भूषित सभा जय प्रयाग भृया नमणि ५ Es End. -- अथ छन्द छ तात मात प्रिय बन्धु सवा दुहिता सुननारी रूप नाम गुण ग्राम गेह धन देह हमारी विद्या तत्व विचार शिल्प रचना द्विज पूजा एक तुही रघुनाथ अपर देषी नहि दूजा भव जाल व्याल विकराल अति ग्रमत चरावर लोक मति ताते हमेश रघुवंशर्माण राम दंहु निज चरण रति ५० अथ मन हरण छन्द कवि नरहरि का कुमार हरिनाथ भयो हरिबंश ताका सूनु परम प्रबीना है ताका घनश्याम श्री गोविन्द नाम ताको तनय जाका पाय बन्दन दिल्ली का पति कोना है ताको तारानाथ तारानाथ मा उदित भयो ताको रामवक्ल सुजस लाक भीना है ताको सुत पूरण अनन्दराम दत्त ताके ताको विष्णुदत्त सेा विमल ग्रंथ कोना है ॥ ५१ ॥ अथ मंगलाचरण दोहा चरण कमल जगदम्ब के करत प्रणाम अपार अज जाके रज से किया सकल भुवन विस्तार ॥ ५२ ॥ इति श्री बसन्त विलासे महाकाव्ये परिहार वंशावतंम श्री सरनामसिंह कृता शान्त रसवर्णनेा नाम चतुर्थो विलासः ॥ ४ ॥ अथ सवैया छंद ॥ अम्बर आदि (आदि) फणी रजनीकर सम्बत माघ मनोरम मास है हस्त नक्षत्र सुमङ्गल मूल दिवाकर उत्तर चैन प्रकास है । श्री अवतार महीप लिखे निजपाठ के हेतु बसन्त विलास है । श्री देव्यै नमः ॥ श्री मन्नारायणाय नमः श्री हरार्द्ध तनु हारिण्यै नमः श्री रामचन्द्राय
SR No.010837
Book TitleTenth Report on Search of Hindi Manuscripts for Years 1917 to 1919
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Bahaddur Hiralal
PublisherAllahabad Government Press
Publication Year1929
Total Pages532
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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